चलो मान लेता हूं उमर बढ़ रही है.. अब बुड्ढा जो हो रहा हु ) :( वैसे मोबाईल का ट्राफिक जाम भी क्यों न हो..
काठमांडू के दरबारमार्ग इस्थित शेरपा मॉल में क्लोस अप वालो की तरफ से वेलेंनटाइन महोत्सव की तयारी
ये हमारे देश के सविधान निर्माता भी न .. आज बाबा वेलेंनटाइन के
प्रणय दिवस के दिन रविदास जयंती बना रहे है .. उपर से सरकारी छुट्टी .. मम्मी पापा
घर में , और बनारस में झमाझम बरसात, अब
बच्चे निकले भी तो कैसे , निकल भी जाये तो
बैठेगे कहा, सब जगह गिला गिला ... उपर से शिव सेना का डर,
तो बचे मोबाईल बाबा ... अब तो पहले लोकल डिलेवरी ही पहले देगे न.. हम
ठहरे तड़ी पार, उपर से सफ़ेद बाल..
कहते है प्रेम का कोई एक दिन नहीं होता, लेकिन हम जैसे १४ साल पुराने ब्याहते को आधुनिक समाज के नौजवानों और ब्रम्हा रचित कन्याओ के देख कर मन में एक टिस सी उभरती है , अब क्या करे दिल तो इस मामले में बच्चा है जी ...
सब समय का खेल है मित्रो, आज काम धाम में मन ही नहीं लगा, सारा दिन मोबाईल को निहरता रहा , कब आएगा मेरी प्रेयसी के इजहार-ए-मुहब्बत का पैगाम ...अभी तक नहीं आया , और अब तो ये सुभ पर्व के बिदाई कि घडी भी आ गयी है ...
आज हमारे यहाँ काठमांडू में भी वरुण देव भी नाराज थे , सुबह से मीठी मीठी बारिश, और कुलकुलाटी हुई गुलाबी ठण्ड, रास्तो के ब्रम्हा रचित कन्याओ का नजारा देख कर ऐसा लगा कि मै अफ्रीका के ५५ डिग्री के तापमान में हु, इतनी गर्मी आयी, अब क्या करू दिल तो पत्थर का तो है नहीं, पिघल ही जाता है , अब ये देख कर तो प्रेम तो रगों में रक्त में बहने लगा
इतिहासकार बांचते है कि14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे का इतिहास भी प्यार से भरा हुआ है. वैलेंटाइन डे को मूल रुप से संत वैलेंटाइन के नाम पर मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि वैलेंटाइन-डे मूल रूप से संत वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया है. परंतु संत वैलेंटाइन के विषय में ऐतिहासिक तौर पर विभिन्न मत हैं और कुछ भी सटीक जानकारी नहीं है. कहा जाता है कि संत वैलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जैकोबस को एक पत्र लिखा, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’. यह दिन था 14 फरवरी, जिसे बाद में इस संत के नाम से मनाया जाने लगा और वैलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है. संत वैलेंटाइन मानवता से प्रेम करते थे और उन्होंने समाज में आपसी प्रेम को हमेशा बढ़ावा दिया. और अपने भारतीय नजरिए से देखें तो वैलेंटाइन वसंत के महीने में आता है. और वसंत प्यार का ही महीना होता है. इस तरह वैलेंटाइन का क्रेज भारत में भी अब बढ़-चढ़ कर बोलता है. आज आप भी जिसे प्यार करते हैं उससे अगर अब तक मन की बात नहीं कही तो कह डालिए हो सकता है आपके गुलाब देकर प्रपोज करने का अंदाज उन्हें भा जाए और आपके प्यार का पैमाना उन्हें मालूम हो जाए.
वैलेंटाइन डे आज एक ग्लोबल फेस्टिवल बन गया है. और बने भी क्यों न जबकि इस दुनिया को प्रेम की जरुरत है और जो त्यौहार हमें आपस में प्रेम रखना सिखाए वह तो और भी जरुरी होता है. यह त्यौहार 14 फरवरी को हर देश में अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है. खासकर पश्चिमी देशों में तो इस दिन का एक अलग ही अंदाज और शवाब होता है. और पश्चिम ही क्या अब तो दुनिया के हर हिस्से में इसकी अच्छी खासी धूम देखने को मिलती है. इस दिन फूल और तोहफे हर दिल की धड़कने बढ़ा देते हैं.
यह कोई जरुरी नहीं कि आज का सिर्फ प्रेमी-प्रेमियों के लिए ही बना
है. आज का दिन तो प्रेम को दर्शाने के लिए होता है और प्रेम सबके बीच होता है एक
मां का उसके बच्चे के प्रति, एक दोस्त का दोस्त के लिए या
पति का अपनी पत्नी के लिए. आज के दिन आप जिससे भी प्यार करते हैं या उसके प्यार के
लिए उसे धन्यवाद देना चाहते हैं तो उसे अपना वैलेंटाइन बनाइए, गुलाब दीजिए और उसके प्यार के लिए उसे थैंक्स कहिए.
भारत में वेलेंटाइन डे मनाए जाने की शुरूआत करीब 1990 के आसपास हुई। लेकिन भारत में ये सभ्यता पुरानी मानी जाती है। बंगाल में
सरस्वती पूजा को भी प्यार का दिवस माना गया है। साथ ही प्यार के भगवान कामदेव को
भी इस त्योहार से जोड़ कर देखा जाता है। क्योकि पुरानी सभ्यता में कामदेव को पूजा
जाता था। लेकिन धीरे-धीरे ये सभ्यता समाप्त हो गई। वेलेंटाइन डे के दिन हम हमारा प्यार
दुसरों को जाहिर करते हैं जिससे आपस में प्यार बढ़ता है। जिसे कामदेव की सही पूजा
माना जाने लगा है
कहते है प्रेम का कोई एक दिन नहीं होता, लेकिन हम जैसे १४ साल पुराने ब्याहते को आधुनिक समाज के नौजवानों और ब्रम्हा रचित कन्याओ के देख कर मन में एक टिस सी उभरती है , अब क्या करे दिल तो इस मामले में बच्चा है जी ...
सब समय का खेल है मित्रो, आज काम धाम में मन ही नहीं लगा, सारा दिन मोबाईल को निहरता रहा , कब आएगा मेरी प्रेयसी के इजहार-ए-मुहब्बत का पैगाम ...अभी तक नहीं आया , और अब तो ये सुभ पर्व के बिदाई कि घडी भी आ गयी है ...
आज हमारे यहाँ काठमांडू में भी वरुण देव भी नाराज थे , सुबह से मीठी मीठी बारिश, और कुलकुलाटी हुई गुलाबी ठण्ड, रास्तो के ब्रम्हा रचित कन्याओ का नजारा देख कर ऐसा लगा कि मै अफ्रीका के ५५ डिग्री के तापमान में हु, इतनी गर्मी आयी, अब क्या करू दिल तो पत्थर का तो है नहीं, पिघल ही जाता है , अब ये देख कर तो प्रेम तो रगों में रक्त में बहने लगा
काठमांडू के दरबारमार्ग इस्थित शेरपा मॉल में क्लोस अप वालो की तरफ से वेलेंनटाइन महोत्सव की तयारी
इतिहासकार बांचते है कि14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे का इतिहास भी प्यार से भरा हुआ है. वैलेंटाइन डे को मूल रुप से संत वैलेंटाइन के नाम पर मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि वैलेंटाइन-डे मूल रूप से संत वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया है. परंतु संत वैलेंटाइन के विषय में ऐतिहासिक तौर पर विभिन्न मत हैं और कुछ भी सटीक जानकारी नहीं है. कहा जाता है कि संत वैलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जैकोबस को एक पत्र लिखा, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’. यह दिन था 14 फरवरी, जिसे बाद में इस संत के नाम से मनाया जाने लगा और वैलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है. संत वैलेंटाइन मानवता से प्रेम करते थे और उन्होंने समाज में आपसी प्रेम को हमेशा बढ़ावा दिया. और अपने भारतीय नजरिए से देखें तो वैलेंटाइन वसंत के महीने में आता है. और वसंत प्यार का ही महीना होता है. इस तरह वैलेंटाइन का क्रेज भारत में भी अब बढ़-चढ़ कर बोलता है. आज आप भी जिसे प्यार करते हैं उससे अगर अब तक मन की बात नहीं कही तो कह डालिए हो सकता है आपके गुलाब देकर प्रपोज करने का अंदाज उन्हें भा जाए और आपके प्यार का पैमाना उन्हें मालूम हो जाए.
काठमांडू के दरबारमार्ग इस्थित शेरपा मॉल में क्लोस अप वालो की तरफ से वेलेंनटाइन महोत्सव की तयारी
वैलेंटाइन डे आज एक ग्लोबल फेस्टिवल बन गया है. और बने भी क्यों न जबकि इस दुनिया को प्रेम की जरुरत है और जो त्यौहार हमें आपस में प्रेम रखना सिखाए वह तो और भी जरुरी होता है. यह त्यौहार 14 फरवरी को हर देश में अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है. खासकर पश्चिमी देशों में तो इस दिन का एक अलग ही अंदाज और शवाब होता है. और पश्चिम ही क्या अब तो दुनिया के हर हिस्से में इसकी अच्छी खासी धूम देखने को मिलती है. इस दिन फूल और तोहफे हर दिल की धड़कने बढ़ा देते हैं.
काठमांडू के दरबारमार्ग के सडको की रौनक |
काठमांडू के दरबारमार्ग में के.फ.सी ओर पिज़्ज़ा हट |
लेकिन आज तो भारत में सुना है
वैलेंटाइन्स डे पर कंडोम और पिल्स की बिक्री ने
गुलाब और गिफ्ट्स को पीछे छोड़ा !
वैलेन्टाइन्स डे पर सुरक्षित सेक्स के इन
उपायों की मांग करीब 10 गुना तक बढ़ गई. कई
मेडिकल स्टोर्स पर कंडोम औप पिल्स का स्टॉक
खत्म होने की भी खबर है.
इस प्यार को क्या नाम दूं ?
गुलाब और गिफ्ट्स को पीछे छोड़ा !
वैलेन्टाइन्स डे पर सुरक्षित सेक्स के इन
उपायों की मांग करीब 10 गुना तक बढ़ गई. कई
मेडिकल स्टोर्स पर कंडोम औप पिल्स का स्टॉक
खत्म होने की भी खबर है.
इस प्यार को क्या नाम दूं ?
काठमांडू का डिस्को थिक |
इजहार-ए-मुहब्बत का प्रतीक वेलेंटाइन डे हमारे काठमांडू में मनाया जा रहा है । प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी युवा इस पर्व का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। वेलेंटाइन डे पर शहर की गिफ्ट गैलरियों की दुकानें व फूलों की दुकानें विशेष रूप सजी हुई दिखाई दी। इनमें ग्रीटिंग कार्ड, पोस्टर व उपहार आकर्षक ढंग से सजाए गए थे। युवा सुबह से ही गैलरियों में आकर्षक शब्दावली वाले कार्ड ढूंढते नजर आए। पर्व को लेकर कई होटलों व रेस्तराओं में भी विशेष व्यवस्था की गई है। लेकिन सबसे खास बात ये है कि वैलेंटाइन का क्रेज मुझे आज यहाँ कि कन्याओ के वस्त्र को देख क़र दिल जवान हो गया है ..
मैंने भी सोचा चलो आज अकेले ही संत वैलेंटाइन की पूजा की
जाये , सो काठमांडू के दरबार मार्ग इस्थित नेपाल s बी आई के ऐ टी म में लगे प्रेयसी
जोड़ो की लाइन से मन विचलित हो गया, पैसा भी नहीं निकल पाया, मन में सोच लिया अगले
साल तो चप्पक के वैलेंटाइन पर्व मेहरारू के साथ मनाउगा
प्रणय दिवस कि बेला में कुछ ऐसा रहा कमरे काठमांडू का दरबार मार्ग
चलो भाई ... सभी कुँवारो को 'हैप्पी वैलेन्टाईन'डे।
और शादी-शुदा को 'हैप्पी बेलन-टाईट'डे।
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खूब बेलेनटाईन मनाए, मजा आ गइल :)
ReplyDeleteधन्यवाद ललित भैया ....
Deleteसब हैप्पी हैप्पी
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