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Monday, February 15, 2016

वैलेंटाइन रे वैलेंटाइन

अभी ऑफिस में वर्क लोड कुछ ज्यादा ही है, तो कुछ कम ही लिख पाते है... लेकिन इस साल कुछ खास सोचा था की इस साल हम संत वैलेंटाइन जरुर बनेगे.. इस लिए बनारस गया था पत्नी जी के साथ कुछ रोमांटिक फोटो खीचने के लिए, वैसे इस बार का थीम सोचा था " गोरी तेरा गाव बड़ा प्यारा " घाट किनारे बेटे की सायकिल ले कर उस पत्नी जी को बैठा कर कुछ रोमांटिक अंदाज में फोटो खिचाने का .. लेकिन कहते है न किस्मत थी .गांडू.. तो हम आ गए काठमांडू.. जाने दीजिये साहेब अब ज़िन्दगी में इतने मुक़दमे हैं .. एक मुकदमा मुहब्बत का भी सही ।

चलिए जाने दीजिये सपने में ही काम चला लेते है आप को पता है क्या की संत वैलेंटाइन रोमन काल में एकचर्च में पादरी थे| रोम के राजा ने घोषणा की कि शादीशुदा सिपाही राज्य के लिए किसी काम के नहीं हैं,अगर वे शादी कर लेते हैं तो उनका मन भटकता है और इसीलिए वह उन लोगों को सिपाहियों के रूप में बढ़ावा दे रहा था जिन्होंने शादी नहीं की और जिनका अपने रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों के प्रति किसी प्रकार का लगाव नहीं था| संत वैलेंटाइन ने इसका विरोध किया, नतीजन राजा ने उन्हें जेल में डाल दिया| बाद में इस घटना की वजह से संत वैलेंटाइन को 'प्रेम का मित्र' माना गया और उनके बलिदान की स्मृति में १४ फरवरी का दिन संत वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाने लगा|

किसी भी दिवस को मनाए जाने का कारण यह होता है कि लोगों को उसके पीछे का सच्चा उद्देश्य याद रहे| संत वैलेंटाइन डे मनाए जाने का सच्चा उद्देश्य यह है कि हम कुछ खास गुणों के महत्व को समझें और इन्हें अपने जीवन में बढ़ावा दें

• संवेदनशीलता
• ग्रहणशीलता
• चीजों को समय पर शुरू करना और समाप्त करना ( वैल इन टाइम)
• समयबद्ध सेवा
• संसार को एक परिवार के रूप में देखना और प्रेम करना ( वसुधैव कुटुम्बकम)


जो 'प्रेम के मित्र' हैं, वे प्रेम के उन गुणों को प्रेम करते हैं जो संत तुकाराम, मीराबाई आदि महान आत्माओं में अभिव्यक्त होते हैं| आइए, इसके वास्तविक अर्थ को अधिक विस्तार में समझें|


प्रेम एकमात्र ऐसी चीज़ है जो देने से मिलती है, लेने से नहीं| प्रेम को पाने के लिए आपको ग्रहणशील होना चाहिए, सरल शब्दों में कहें तो 'वैल ट्यून्ड' होना चाहिए| वह रेडियो, जो ट्यून्ड होता है, स्विच ऑन करते ही तुरंत फ'ीक्वेंसी को पकड़ लेता है| जबकि जो ट्यून्ड नहीं होता, उसे सेट करने में आपको समय बर्बाद करना पड़ता है| मानव जीवन के बारे में भी यही सिद्धांत लागू होता है| अगर हम वैल ट्यून्ड हो गए तो हमें जीवन के अंतिम सत्य को समझने में, इसे रिसीव करने में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा| ग्रहणशील होने से ही कोई इंसान मानव जीवन के सच्चे उद्देश्य को समझ पाता है और उसे पूर्ण कर पाता है| जब आप मोबाइल फोन पर कोई कॉल रिसीव करना चाहते हैं तो आप उस स्थान पर पहुँचने का प्रयास करते हैं, जहॉं पर रिसेप्शन स्पष्ट हो, सिग्नल साफ आ रहे हो| इसी प्रकार आपको अंतिम सत्य को स्पष्ट तरीके से ग्रहण करने और सुनने के लिए खुद को ट्यून करना चाहिए|

मान्यताओं के वास्तविक अर्थ को समझने के लिए आपको अपनी 'समझ' का इस्तेमाल करना चाहिए न कि उन्हें केवल इसलिए मान लेना चाहिए कि बहुत सारे लोग ऐसा कह रहे हैं| संत वैलेंटाइन दिवस 'वननेस' अथवा 'एकात्मता' के इसी अर्थ को समझने और इसका महत्व जानने में सहायक है| आप किसी से भी प्रेम करते हों, किसी भी चीज़ से प्रेम करते हों, आपको उसके प्रति ग्रहणशील और संवेदनशील होना चाहिए| अगर आपकी चेतना का स्तर उठा हुआ नहीं है तो आपके द्वारा उच्च स्तर का प्रेम किया जाना भी संभव नहीं है|

आज के दिन में तो अंग्रेजी बोलने वाले देशों में, ये एक पारंपरिक दिवस है जिसमें प्रेमी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार वेलेंटाइन कार्ड भेजकर, फूल देकर, या मिठाई आदि देकर करते हैं। ये छुट्टी शुरुआत के कई क्रिश्चियन शहीदों में से दो, जिनके नाम वेलेंटाइन थे, के नाम पर रखी गयी हैउच्च मध्य युग में, जब सभ्य प्रेम की परंपरा पनप रही थी, जेफ्री चौसर के आस पास इस दिवस का सम्बन्ध रूमानी प्रेम के साथ हो गया।


ये दिन प्रेम पत्रों के "वेलेंटाइन" के रूप में पारस्परिक आदान प्रदान के साथ गहरे से जुड़ा हुआ है। आधुनिक वेलेंटाइन के प्रतीकों में शामिल हैं दिल के आकार का प्रारूप, कबूतर और पंख वाले क्यूपिड का चित्र. १९वीं सदी के बाद से, हस्तलिखित नोट्स की जगह बड़े पैमाने पर बनाने वाले ग्रीटिंग कार्ड्स ने ले ली है। ग्रेट ब्रिटेन में उन्नीसवीं शताब्दी में वेलेंटाइन का भेजा जाना एक फैशन था और, १८४७ में, एस्थर हौलैंड ने अपने वोर्सेस्टर, मैस्साचुसेट्स स्थित घर में ब्रिटिश मॉडलों पर आधारित घर में ही बने कार्ड्स द्वारा एक सफल व्यवसाय विकसित कर लिया था। १९ वीं सदी के अमेरिका में वेलेंटाइन कार्ड की लोकप्रियता जहां कई वेलेंटाइन कार्ड अब सामान्य ग्रीटिंग कार्ड प्यार की घोषणाओं के बजाय, संयुक्त राज्य अमेरिका में छुट्टियों के भविष्य व्यावसायीकरण के एक अग्रदूत था रहे हैं।

प्रिय अर्धांगिनी

कितने पत्र आधे-अधूरे लिखे, फाड़े पर मन उल्था नहीं कर पाया । दरअसल मैंने सुना था लेकिन अब

मुझे वह सताने लगा है। पगला जाता हूँ और कुछ नहीं सूझता। क्या सचमुच मैं प्यार करने लगा हूं और तुम....। सिर्फ़ इस आस में एक-दूसरे को देखते हैं और ज़रूरी समझता तो किताबों को लेकर चर्चा कर बैठते हैं—बस। तुम अब सपनो में आने लगी हो। तुम्हारे सामने आने पर गुगा हो जाता हूं।...अब जब मैं अकेला हूं, कोई पास नहीं है, तब भी मुझसे पत्र नहीं लिखा जा रहा है।

यह भी कोई ज़रूरी नहीं कि तुम भी वैसा अनुभव करते हो जैसा शालू, वुल्ला, हिंमांशु, डॉक्टर आहूजा, मिस्टर आहूजा कर सके चौंको मत। वे पात्र 'वैलेंटाइन डे' के हैं। ये भी कभी हमारी-तुम्हारी तरह से वैलेंनटाइन डे या वसंतोत्सव की प्रतीक्षा में रहे हैं।

ये शायद प्यार ही है.. जो लोग महसूस तो करते है लेकिन बया नहीं कर पाते, लोगो के पास शब्द नहीं होते, तो लोग पिरोये कैसे ..
 
'वैलेंनटाइन डे' हाथ क्या आया कि पिटारा खुल गया। उसे एक रात में पढ़ डाला और अनुभव किया कि मैं उसमें हूं और तुम भी। मैंने उन स्थलों को टैक्स्टलिनर रिफिल की मदद से चमका दिया है। अब बारी तुम्हारी है। हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 'वैलेंटाइन डे' जिंदगी का हर दिन हो जाने के लिए तुम्हारे नाम इस
Kshama याचना के साथ कि मुझे तुम बनना पड़ गया-लज्जा संकोच और भय से।

संत वैलेंटाइन के वक़्त लोग शादी नहीं करते थे और पुरुष कई स्त्रियों से संबंध रखते थे । तब संत वैलेंटाइन ने कहा था की शादी करो केवल एक से ही और बिना शादी के संबंध मत रखो । इसीलिए १४ फरवरी को ,संत वैलेंटाइन के मृत्यु के दिन को वैलेंटाइन डे मनाते है और प्राचीन समय में संत वैलेंटाइन के समर्थक इस दिन केवल एक ही स्त्री या पुरुष से शादी करने की कसम खाते है।


अब यह वैलेंटाइन डे बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड डे कैसे हो गया इस दिन कोई भी युवक या युवती संत वैलेंटाइन के उपदेशो का पालन नहीं करता । इस साल यह गर्लफ्रेंड तो अगले साल दूसरी और आजकल तो लिव इन रिलेशनशिप का दौर है ,यह भी तो संत वैलेंटाइन के उपदेशो के विरुद्ध है ।

वैलेंटाइन डे हर साल १४ फ़रवरी को मनाया जाता है| दुनिया के कई हिस्सों में इसे बड़ी धूम धाम के . यह त्यौहार प्यार का त्यौहार है, जिसे हर प्रेमी जोड़ा अपने ढंग से सेलिब्रेट करता है यही सब सोच ही रहा था की मुझे एक सपना आया. velentine day के सम्बन्ध में. हुआ यूँ की मै सोच रहा था की हरेक पर्व के पीछे एक मिथक जुड़ा होता है. जैसे दशहरे को रावण (not Ra - One that is बक-रा-ऑन ) मारा गया था या, दीपावली को राम चन्द्र जी अयोध्या वापस आये थे . या होली, ईद , बकरीद, good friday , २५  दिसम्बर इत्यादि. तो सपना क्या आया की एक बाबा होते थे नाम था 'टाइन'. वो लोगों को प्रेम का पाठ पढ़ाते रहते थे इसीलिए उनकी ढाढ़ी बहु...त लम्बी हो गई थी . लोग बताते है की प्रेम के हरएक पाठ के बाद उनकी बेलन से कुटाई होती थी अतः सभी लोग उन्हें प्रेमवश 'बेलन-टाइन' कह कर संबोधित करते थे. तो एक दिन हुआ यू की बाबा ने प्रेम का कुछ ज्यादा ही पाठ पढ़ा दिया और फिर उसी हिसाब से उनकी बेलन से कुटाई भी हो गई . अब चूकि बाबा की उम्र ज्यादा हो गई थी तो कुछ अत्यधिक प्रेम के कारण और कुछ कुटाई के कारण बाबा उसी दिन टें हो गए यानी की भगवन को प्यारे हो गए. दिन था १४  फ़रवरी का. सपना टूट गया..........................

थोड़ी देर करवट बदलने के बाद मैंने सोचा की बाबा की दाढ़ी का क्या हुआ? सोचते सोचते फिर नींद आ गई. तो देखा की दाढ़ी को बाबा को दफ़न करने से पहले multinational companies ने काट कर रख लिया था . अब बाबा के चरणों का प्रताप की उनके प्रेम का असर , दाड़ी अभी भी बड़ती ही जा रही है. पहले तो १४ फरवरी को उनका कुछ डे टाइप का मनाया जाता था अब कुछ week -उक की बात होने लगी है . फिर हो सकता है की multinational companies के प्रताप से बाबा की दाढ़ी और बढ जाए और पूरा का पूरा फरवरी महिना बाबा के चरणों में समा जाये . बाबा के प्रेम का प्रताप ऐसा ही रहा तो भविष्य में पूरी दुनिया साल भर तक प्रेम में सराबोर रहेगी.

एक किंवदंति के अनुसार संत वैलेंटाइन प्यार की परवरिश करते थे। वे प्रेमी-प्रेमिकाओं को बंधन में बंधने की प्रेरणा देते थे। बादशाह क्लॉडियश द्वितीय को उनका यह व्यवहार पसंद नहीं आया। वह चाहता था कि उसके विश्वसनीय युवक कुंआरे रहें… ७० साल पहले एकदूसरे से जुदा हुए दो प्यार करने वाले इस वैलेंटाइन एकदूसरे के साथ होंगे, नूरवुड थॉमस और जॉयसे मॉरिस की ये प्रेम कहानी सुनकर आपका प्यार पर यकीन और बढ़ जाएगा! मैं उम्मीद करता हूं आज के दिन हिन्दुत्ववादी कहीं पर कोई तालिबानी हरकत नहीं करेंगे,यार, कभी प्यार भी कर लिया करो,जाओ आज पार्क में बैठकर मौसम का आनंद लो।


क्या जिंदगी है इन भक्तों की... बड़ा तरस आता है..

इनकी आधी जिन्दगी तो हमारी मां बहन करने में बीत जायेगी और रही बची अपनी मां बहन की जासूसी करने में... खैर हम तो मनमाना करेगे बनारसी अंदाज में..  एक तरफ खाखी चड्डी वाले कहते है १० – १० बच्चे पैदा करो.. कोई जरा याद उन्हें भी याद करते है , जो लौट के घर न आये ।। आज की यंग जनरेशन को १४ फरवरी का, जिस बेसब्री से इंतज़ार रहता है, उतनी बेताबी शायद किसी और दिन के लिए नहीं होती। प्रेम का उत्सव, प्यार का त्योहार वैलेंटाइन डे क्या वाक़ई सच्चे प्यार के सेलिब्रेशन का दिन है  खैर सभी भक्तो के संत वैलेंटाइन का आशीर्वाद.. 

 ‪#‎बजरंग_दल‬‬ ‪#‎HappyValentineDay‬‬

रोज वेलेंटाइन डे मनाओ और रोज माँ पिता की सेवा करो
 
संत वैलेंटाइन भी रोये होते अगर देख बाबा जी का हाल तो बंद कर देते ये पर्व  ...
जय हो बाबा वैलेंटाइन की ......................
हैप्पी बेलन-टाइन डे to all और सुनत जा सब जाने विशुद्ध बनारसी मने
वैलेंटाइन दिवस क मनुहार...

Valentine week days name Sunday, February 7, 2016: Rose Day Monday, February 8, 2016: Propose Day Tuesday,...
Posted by राजीव शंकर मिश्राबनारसवाले on Sunday, February 14, 2016



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