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Monday, June 6, 2016

कन्याकुमारी और तिरुअनंतपुरम

(6 May 2016- Friday ) कश्मीर भारत माता का मस्तिष्क है तो कन्याकुमारी चरण। कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य का एक प्राचीन शहर है। इस शहर का नाम कन्याकुमारी ही क्यों हैं? इस नाम के पीछे एक पौराणिक कथा का उल्लेख है।
एक कहावत के अनुसार बहुत समय पहले बानासुरन नाम का दैत्या हुआ था। उसने भगवान शिव कीतपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया और वरदान मांगा कि उसकी मृत्यु कुंवारी कन्या के अलावा किसी से न हो। शिव जी ने उसे मन माँगा वरदान दे दिया। उसी कालक्रम में भारत में ही एक राजा हुए जिनका नाम था भरत। राजा भरत की आठ पुत्रियां और एक पुत्र था। राजा भरत ने अपना साम्राज्य 9 बराबर हिस्सों में बांट दिया। दक्षिण का हिस्सा जहां वर्तमान में कन्या कुमारी है राजा भरत की पुत्री कुमारी को मिला। मान्यता है कि कुमारी को शक्ति देवी का अवतार माना जाता है।
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Sunday, June 5, 2016

रामेश्वरम साइड सीन

(5 May 2016- Thursday ) रामेश्वरम मंदिर की एक खास दर्शन है “मणि दर्शन” जो मंदिर में सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच मणि दर्शन कराया जाता है और मणि दर्शन में स्फटिक के शिवलिंग का दर्शन होता है सुबह सात बजे के बाद मणि दर्शन बन्द कर दिये जाते है उनके दर्शन करने के लिये नहा धोकर सुबह पांच बजे ही तैयार होना पडता है जब कहीं जाकर मंदिर में लाइन लगाकर दर्शन होते है, मणि दर्शन का शुल्क ५०/- है जिसका टिकट मंदिर के अन्दर ही मिलता है तो माता जी ५ बजे जगा दी.. अपने नहा धो के तैयार... फटाफट मै भी सुबह ही नहा धोकर, माता जी ने दूसरा धोती कुर्ता निकाल के रखा था तो तैयार हो मणि दर्शन करने के लिये पहुच गए मंदिर के अन्दर ..मणि दर्शन के लिए भी ५० लोगो की भीड़ थी... लेकिन हमारा नंबर आया ... सफ़ेद  स्फटिक के शिवलिंग.. उनके आगे एक ज्योति जल रही थी.... लगा की उस पल को देखने के लिए शायद यही सत्य है... वेद के अनुसार, इस "शेषनाग" के "मणि" है इस लिए इन्हें मणि दर्शन कहा जाता है फिर
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Saturday, June 4, 2016

रामेश्वरम यात्रा

(4 May 2016 –Wednesday) सुबह उठकर रामेश्वरम के लिये निकलना था। इसलिये सुबह पाँच बजे ही उठकर नहा धोकर तैयार भी हो गये। बस वाले ने सुबह 7 बजे का समय दिया था। लेकिन जब सवा 7 बजे तक भी हमें लेने कोई नहीं आया तो मन में खटका कि हमें यही छोड़कर तो नहीं भाग गये? लेकिन शुक्र रहा कि ठीक 7:30 पर हमें लेने के लिये एक आदमी आया हम उसके साथ बस तक चले गये। मदुरै से बिदा.. यहाँ से बस में बैठकर रामेश्वरम के लिये निकलने की तैयारी होने लगी। दूसरी बस कल वाली बस की तरह थी मिनी बस ..। सामान पीछे की डिक्की में डाल दिया और लैपटॉप का बैग हाथ में .. और होटलों से यात्रियों के लेते हुवे बस मदुरै रेलवे स्टेशन वाले मोड़ पर ठीक नौ
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Friday, June 3, 2016

कोडईकनाल

( 3 May 2016- Tuesday) आज की यात्रा थी तमिलनाडु का हिल स्टेसन “कोडईकनाल” भारत के तमिल नाडु राज्य में बसा एक शहर है। समुद्र तल से २१३३ मीटर ऊंचा तमिलनाडु का कोडईकनाल हिल रिजॉर्ट अपनी सुन्दरता और शान्त वातावरण से सबको सम्मोहित कर देता है। पाली हिल के बीच बसा यह जगह दक्षिण भारत का बेहद ही सुकून देने वाली हिल स्टेशन है। यहाँ की झीलें, आकर्षण दृश्य और ठंडी वादियां सचमुच किसी स्वप्न से कम नहीं लगती। मदुरै से कोडैकनाल सिर्फ १२० किलोमीटर दूर है

तो माता जी ने कभी हिल स्टेशन नहीं  देखा था... इस लिए सोचा की माँ को उधर भी घुमा ले.. सुबह ६ बजे माता जी चिल्लाई उठ... केतने बजे बस आई.. बस फटा फट.. उठा.. २ चाय मगाया... कमरे के
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Wednesday, June 1, 2016

मदुरई साइड सीन

दिन के तीन बजे हम निकले एक मिनी बस से मदुरई के अन्य दर्शनीय जगहों के दर्शन के लिए उस मिनी बस में १२-१४ परिवार था जो सब हिंदी ही बोल रहे थे

मदुरै के टूर के लिए वहा छोटे छोटे ट्रेवल एजेंट है... जो आपके बजट के हिसाब से प्लान बना देते है... और सभी एजेंट अपने अपने यात्रियों को उस रूट के बस पर यात्रिओ को बैठा देते है... जिसमे बस और गाइड की ब्यवस्था होती है...और गाइड घुमाने के एवज में २०-२० रुपये लेता है..   तब हम भी सवार हो चले... साथ ही अन्य एजेंट के भी यात्री के साथ ...
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मदुरई यात्रा

दिनांक : (1 May 2016-Sunday) अब तयारी थी श्री सैलम से मदुरई के लिए, हमारी बस (Andhra Pradesh State Road Transport Corporation  ) की दिन के १२.३० पर खुली श्री सैलम बस स्टैंड से कर्नूल के लिए, ड्राईवर ने बताया की शाम ४.३० तक बस पहुचेगी गर्मी भी ठीक ठाक ही थी, बस की रफ़्तार भी औसत ही थी, लेकिन वहा के सडको की हालत उत्तर भारत से बेहतर ही दिखा, निर्धारित समय पर बस ने कुर्नुल पंहुचा ही दिया हैदराबाद के लिए मदुरई की बस थी जो कर्नूल हो कर गुजरती है इस लिए हमारी बोर्डिंग थी कर्नूल  से.. दक्षिण भारत में आराम दायक बस के लिए kpn ट्रेवल ठीक है उनकी Volvo A/C Multi Axle Semi Sleeper (2+2) सीटर बस की यात्रा आरामदायक है कर्नूल से मदुरई के लिए करीब 12:15 Hrs.  लगते है.. कुर्नूल, आंध्रप्रदेश  राज्य के बड़े शहरों मे एक है। यह तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा है। आंध्र प्रदेश के अवरतण के पूर्व कर्नूल नवंबर १, १९५६ तक आंध्र राष्ट्र का राजधानी था।
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