ऐ माँ फिर से मुझे मेरा बस्ता देदे की दुनिया के दिये सबक मुश्किल बहुत है
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,
डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए।
उसे ये कोन बतलाये, उसे ये कोन समझाए कि खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते है
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा ,
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!
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पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,
डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए।
उसे ये कोन बतलाये, उसे ये कोन समझाए कि खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते है
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा ,
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!