हाला की कभी राजनीती से झुकाव नहीं रहा है क्यों की माँ पिता जी को राजनीती पसंद नहीं, बचपन से यही सिखाया गया की सबसे गन्दी राजनीती ही होती है..
यु तो लिखने पड़ने का सुख नेपाल में ही ले पाया क्यों की जब तक भारत में रहे नौकरी के लिए ही संघर्ष करते रहे, बचपन से थे लंठ बनारसी तो हर जगह वही अंदाज.. २००४ से सोसल साइड के आने के बाद लगा की बनारस के लोग कुछ भी नहीं जानते क्यों की वो सिफ शिवत्व में ही रहते है .
गूगल बाबा के अनुसार “नागरिक स्तर पर या व्यक्तिगत स्तर पर कोई विशेष प्रकार का सिद्धान्त एवं व्यवहार राजनीति (पॉलिटिक्स) कहलाती है। अधिक संकीर्ण रूप से कहें तो शासन में पद प्राप्त करना तथा सरकारी पद का उपयोग करना राजनीति है। राजनीति में बहुत से रास्ते अपनाये जाते हैं जैसे- राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाना, कानून बनाना, विरोधियों के विरुद्ध युद्ध आदि शक्तियों का प्रयोग करना। राजनीति बहुत से स्तरों पर हो सकती है- गाँव की परम्परागत राजनीति से लेकर, स्थानीय सरकार, सम्प्रभुत्वपूर्ण राज्य या अन्तराष्ट्रीय स्तर पर। “
यु तो लिखने पड़ने का सुख नेपाल में ही ले पाया क्यों की जब तक भारत में रहे नौकरी के लिए ही संघर्ष करते रहे, बचपन से थे लंठ बनारसी तो हर जगह वही अंदाज.. २००४ से सोसल साइड के आने के बाद लगा की बनारस के लोग कुछ भी नहीं जानते क्यों की वो सिफ शिवत्व में ही रहते है .
गूगल बाबा के अनुसार “नागरिक स्तर पर या व्यक्तिगत स्तर पर कोई विशेष प्रकार का सिद्धान्त एवं व्यवहार राजनीति (पॉलिटिक्स) कहलाती है। अधिक संकीर्ण रूप से कहें तो शासन में पद प्राप्त करना तथा सरकारी पद का उपयोग करना राजनीति है। राजनीति में बहुत से रास्ते अपनाये जाते हैं जैसे- राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाना, कानून बनाना, विरोधियों के विरुद्ध युद्ध आदि शक्तियों का प्रयोग करना। राजनीति बहुत से स्तरों पर हो सकती है- गाँव की परम्परागत राजनीति से लेकर, स्थानीय सरकार, सम्प्रभुत्वपूर्ण राज्य या अन्तराष्ट्रीय स्तर पर। “