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Sunday, December 20, 2015

इतिहास का सांप्रदायिक संस्करण - Ram Puniyani

इतिहास का सांप्रदायिक संस्करण


काफी दिनों से देख रहा था देश की राजनीती... सभी के अपने अपने सिद्धान्त है.. धर्म का राजनीति से क्या लेना देना है? धर्म और हिंसा का क्या संबंध है? वर्तमान समय में, विभिन्न राजनैतिक एजेण्डे कौन सारूपधर कर हमारे सामने आ रहे हैं?ऐसा लगता है कि राजनीति ने धर्म का चोला ओढ़ लिया है और यह प्रवृत्ति दक्षिण व पश्चिम एशिया में अधिक न•ार आती है। अगर हम पिछले कुछ दशकों की बात करें तो धर्म की राजनीति में घुसपैठ की शुरूआत हुई ईरान में अयातुल्लाह खुमैनी के सत्ता में आने के साथ। इसके पहले, मुसादिक की सरकार का तख्ता पलट दिया गया था। मुसादिक, सन् 1953 में प्रजातांत्रिक रास्ते से ईरान के प्रधानमंत्री चुने गए थे। उन्होंने देश के कच्चे तेल के भंडार का राष्ट्रीयकरण कर दिया, जो पश्चिमी, विशेषकर अमेरिकी बहुराष्ट्रीय तेल कंपनियों को पसंद नहीं आया क्योंकि इससे उनका मुनाफा प्रभावित हो रहा था। मुसादिक सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद, अमेरिीका के पिट्ठूू शाह रजा पहलवी को सत्ता सौंप दी गई। इसके बाद हुई एक क्रांति के जरिये अयातुल्लाह खुमैनी सत्ता में आए। खुमैनी और उनके साथी कट्टरवादी इस्लाम के झंडाबरदार थे। उनके सत्ता में आने से पश्चिमी मीडिया
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