पिछले पोस्ट में मैंने लिंग की साइज़ के बारे में लिखा था , बहुत दिन हो गया कुछ लिखा नहीं था, तो आज शादी की एक और वर्ष गांठ तो सोचता हु कुछ हो सकता है क्या, तो इस बार कुछ प्रयास किया जाय की कुछ हो सकता है क्या , तो सबसे बड़ी समस्या ये है की शरीर के बनावट से महिलाये ही नहीं सबसे ज्यादा पुरुष ही परेसान है महिला का ब्रेस्ट छोटा तो फोम की ब्रा, हिप छोटा तो टाईट जींस यानि उनका ये प्रयास होता है की पुरुष उन्हें देख ही ले, ये स्थिति ही कुछ विचित्र है.. कामुक कहानियो का दौर है, हर जवान होता बच्चा पोर्न की खोज में, अभी जब से सन्नी भौजी आई है तो समाज में कुछ ज्यादा ही खुला पन आया है, पिछले ही दिनों बनारस गया था, ससुराल में कुछ आयोजन था तो वैसे ही रात में किसी चैनल में सन्नी भौजी का अन्तरवार्ता चल रहा था तो हमरे पत्नी जी के साथ एक गरम चर्चा कर रहे थे सन्नी के बारे में, तब मुझे लगा कुछ परिवर्तन तो है, समाज में, लोग इन दबी हुई कहानियो के बारे में चर्चा तो कर रहे है, हमारे ज़माने में कहा ये सब , उस समय ही हिन् भावना तो यही थी लडको में की पेनिस का साइज़ कैसे बढे... मैंने अपना प्रोयोग किया है, अब इसका कोई डाक्टरी आधार तो नहीं
क्या लिंग का साइज़ 5 इंच का होना पत्नी को करता है संतुष्ट
तो मेरे हिसाब से तो पहले तो आपको यह बता देना ज़रूरी है कि आपके लिंग का साइज बिल्कुल ठीक है और इसके लिए आपको वैवाहिक जीवन में कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय पुरूषों के लिंग का साइज 5 से 6 इंच का होता है। अच्छी तरह से सेक्स लाइफ का आनंद उठाने के लिए दिल के एहसास की ज़रूरत होती है लिंग के साइज की नहीं।
अब जानकारी के तौर पर आपको यह बताना ज़रूरी है कि लिंग के साइज को बढ़ाने का कोई भी तरीका सुरक्षित नहीं होता है। बाजार में बहुत तरह से जेल, क्रिम, और दवाईयाँ मिलती हैं जो सिर्फ नाम की ही होती है। यहाँ तक कि व्यायाम भी इस मामले में कोई प्रभावकारी काम नहीं कर पाता है। इस क्षेत्र में पीनिस इन्लार्ज्मन्ट सर्जरी ( penis enlargement surgery) कुछ हद तक काम करता है। लेकिन यह इरेक्ट अवस्था में लिंग के साइज़ को बढ़ाने में मदद नहीं करता है। किसी-किसी को सर्जरी के बाद इरेक्शन में असुविधा होती है। एक ही चीज आपके इस समस्या का समाधान कर सकता है, वह है सेक्स एजुकेशन। इसके द्वारा आपको सेक्स ऑर्गन के बारे में सही जानकारी भी मिलेगी और सेक्स करने का सही तरीके का भी पता चलेगा। मेरे किसी भी लेख का आधार गूगल बाबा ही है, पहले जड़ की तरफ पहुचे की ये सेक्स की शुरुवात हुई कहा से लैब न साला लिंग के साइज़ का लफड़ा आएगा, तो पता चला की ऋषि वात्सायन ने ये पुनीत ग्रन्थ लिखा था तो काम-सूत्र का ज्ञान कुछ ऐसा है :
ऋषि वात्सायन दूारा लिखित काम-सूत्र शरीरिक सुखों के विषय पर सम्पूर्ण गृन्थ है। हिन्दू धर्म में वैवाहिक काम सम्बन्ध किसी ‘ईश्वरीय-आज्ञा’ का उलन्धन नहीं माने जाते। वह ईश्वर के प्रति मानव कर्तव्यों के निर्वाह के निमितहैं और सृष्टि के क्रम को चलाये रखने की श्रंखला के अन्तर्गत आते हैं। कामदेव को देवता माना जाता है ना कि शैतान। काम-सूत्र गृन्थ का लग भग सभी विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और भारतीय अध्यात्मिकता की तरह अपने क्षेत्र में यह गृन्थ भी सर्वत्र प्रेरणादायक है। इस से प्रेरणा ले कर शिल्पियों और चित्रकारों ने अपनी कला से विश्व भर के पर्यटकों को चकित किया है। चन्देल राजाओं दूारा निर्मित खजुरोहो के तीस मन्दिर काम-कला कृतियों को ही समर्पित हैं जो इस विषय में मानव कल्पनाओ की पराकाष्ठा दर्शाती हैं। काम को धर्म शास्त्रों की पूर्ण स्वीकृति है अतः शिल्प कृतियों में अधिकतर देवी – देवताओ को ही नायक नायकाओं के रूप में दिखाया गया है।
हिन्दू समाज में कोई ‘तालिबानी ’ ढंग का अंकुश नहीं है। केवल धर्म और सार्वजनिक स्थलों पर सामान्य शिष्टाचार का निर्वाह करना ही आवश्यक है। खजुरोहो कृतियों के पीछे छिपा अध्यात्मवाद और इतिहास शायद तथाकथित ‘ओवर-लिबरल’ विदेशी पर्यटकों को समझ नहीं आये गा फिर भी उन्हें स्वीकारना पडे गा कि काम-कला प्रदर्शन में भी आज से दस शताब्दी पूर्व भारतवासी योरूप्यिन लोगों से कहीं आगे थे।
काम का क्षेत्र केवल शरीरिक सम्बन्धों तक ही सीमित नहीं है। इस के अन्तर्गत सहचर्य के अतिरिक्त अच्छा भोजन, वस्त्र, आभूषण, रहन-सहन, कला, मनोरंजन, आराम, सुगन्धितवातावरण आदि जीवन के सभी भौतिक ऐश्वर्यों के आकर्षण आ जाते हैं। धर्म की सीमा के प्रतिबन्ध के अन्तर्गत सभी कुछ हिन्दू समाज में स्वीकृत है। यही वास्तविक ‘लिबरलज़िम ’ है।
वाल्मीकि रामायण में कई भौतिक सुखों की परम्पराओ के उल्लेख देखे जा सकते हैं। ऱाजा दशरथ को प्रातः जगाने का विधान अयोध्या नगरी की भव्यता तथा ऐश्वर्य का भान कराता है। ऋषि भारदूाज चित्रकूट मार्ग पर राजकुमार भरत तथा अयोध्या वासियों के सत्कार में ऐक भोज का प्रबन्ध अपने आश्रम में ही करते है जो किसी भी पाँचतारा होटल की ‘बैंक्विट’ से कम नहीं। ऱावण के अन्तःपुर में सीता की खोज में जब हनुमान प्रवेष करते हैं तो वहाँ के वातावरण का चित्रण अमेरिका के किसी भी नाईट-कल्ब को पीछे छोड दे गा। किन्तु ऋषि वालमीकि कहीं भी वर्णन चित्रण करते समय भव्यता और शालीनता की रेखा को नहीं लाँघते।
फिर भी आप से कौनो मैच करता है तो
वात्स्यायन ने लिंग के आकार के आधार पर पुरुष को तीन वर्ग में बांटा है
1. शश (खरगोश के समान छोटे व पतले लिंग वाला)
2. वृष (बैल के समान लंबाई व मोटाई में मंझोले लिंग वाला)
3. अश्व (घोड़े के समान लंबे और मोटे लिंग वाला)
योनी के आकार व गहराई के आधार पर स्त्रियों को भी तीन श्रेणियों में रखा गया है
1. मृगी (हिरनी के समान उथली योनि वाली)
2. बड़वा (घोड़ी के समान मझोली गहराई की योनि वाली)
3. हस्तिनी (हथिनी के समान गहरी योनि वाली)
समान व लिंग वाले स्त्री-पुरुष के बीच संभोग को समान मैथुन मान
गया है। समान मैथुन को सर्वोत्तम माना गया है। इसके तीन प्रकार हैं
1 शश पुरुष का मृगी नारी के साथ
2 वृष पुरुष का बड़वा नारी के साथ
3 अश्व पुरुष का हस्तिनी नारी के साथ
योनि व लिंग की असमानता वाले स्त्री-पुरुष के संभोग को विषम संभोग माना गया है। इसके छह प्रकार हैं
1 शश पुरुष का बड़वा नारी से
2 शश पुरुष का हस्तिनी नारी से
3 वृष पुरुष का मृगी नारी से
4 वृष पुरुष का हस्तिनी नारी से
5 अश्व पुरुष का मृगी नारी से
6 अश्व पुरुष का बड़वा नारी से
वात्स्यायन के मुताबिक विषम में भी संभोग का आनन्द मिल सकता है, लेकिन...
1. अश्व पुरुष का बड़वा नारी से एवं वृष पुरुष का मृगी नारी से संभोग हो
2. अश्व पुरुष का मृगी नारी से संभोग कष्टकर हो जाता है।
3 .शश पुरुष का हस्तिनी नारी से संभोग सबसे निम्न दशा है।
4 .शश पुरुष का बड़वा नारी से, वृष पुरुष का मृगी नारी से एवं वृष पुरुष का हस्तिनी नारी से संभोग की दशा मध्यम दशा है
5 . विषम संभोग में भी नारी योनि की गहराई की अपेक्षा पुरुष लिंग की लंबाई वाला संभोग उस संभोग से श्रेष्ठ है, जिसमें नारी योनि पुरुष के लिंग से बड़ी होती है
लिंग: पांच बड़े तथ्य लिंग बहुत सारे आकार और साइज़ के होते हैं: सीधा, टेढ़ा, मोटा, पतला, लम्बा, खतना करा हुआ और बिना खतना...लेकिन इसमें से नोर्मल क्या है ? और क्या आप सचः क्या हम किसी पुरुष की नाक देखकर उसके लिंग की लम्बाई का पता लगा सकते हैं ? क्या सभी पुरुषों के लिंग एक ही तरह से तना हुआ होता है ? और वीर्यपात क्या होता है ?
चलिए, बात करते हैं साइज़ की। जब लिंग तना हुआ नहीं होता,तो उसकी नोर्मल लम्बाई होती है - 6 से 13 सेंटीमीटर। जब लिंग तना हुआ होता है, तो उसका साइज़ होता है 7 से 17 सेंटीमीटर के बीच। लम्बे लिंग के मुकाबले, छोटे लिंग अधिकतर तना हुआ होने पर ज़्यादा लम्बे हो जाते हैं। आपके लिंग का साइज़ आपकी प्रजातीय वर्ग और नस्ल पर भी निर्भर करता है। अफ्रीका के वंशज के लिंग यूरोप के पुरुषों के मुकाबले ज्यादा लम्बे और मोटे होते हैं। अगर आप एशियाई नसल के हैं, तो आपका थोड़ा छोटा और पतला लिंग हो सकता है, ऐसा वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन का कहना है। तो क्या आप वाकई किसी पुरुष की नाक देखकर यह बता सकते हैं की उसका लिंग कितना बड़ा है? या उसके पैर देखकर? अगर वाकई आप किसी पुरुष के लिंग का नाप जानने की इच्छा रखते हैं तो उसकी हथेली पर नज़र डालिए।जितनी बड़ी रिंग फिंगर (अनामिका) होती है, उतना ही बड़ा उसका लिंग होने की संभव है, ऐसा दक्षिण कोरेया में करे गए एक शोध में पाया गया। जितना ज़्यादा टेस्टास्टरोन (वृषणि) किसी पुरुष को मिली होगी, जब वो अपनी माँ के गर्भ में था, उतनी बड़ी ही उस पुरुष की रिंग फिंगर होती ही। लेकिन इसका असर उसके लिंग के साइज़ पर भी पड़ता है। लम्बी रिंग फिंगर (अनामिका), लम्बा लिंग पर और जानकारी लेकिन...क्या वाकई साइज़ से फर्क पड़ता है ? तो अब आप शायद अपनी उँगलियों को देखकर सोच रहे होंगे की क्या सच में साइज़ से कोई फ़र्क पड़ता है। ऐसा पाया गया है की लिंग की मोटाई अपने साथी को संतुष्ट करने के लिए ज़्यादा ज़रूरी होती है, क्यूंकि इस से योनी में ज़्यादा उतेजना होती है। और लिंग के साइज़ को एक तरफ कर दे तो, महिलाएं एक स्थायी रिश्ता और अपने साथी की बाकि शारीरिक चीज़ों को भी - जैसे बालों को, संतुष्ट सेक्स का ज़रूरी हिस्सा मानती हैं ! क्या साइज़ से फ़र्क पड़ता है ? उतेजित होकर तन जाना जब आप कामुकता से उतेजित होते हैं, आपका लिंग तन जाता है और बड़ा भी हो जाता है -इसको इरेक्शन कहते हैं। पुरुषों के लिए अनचाहे भी और स्वाभाविक तौर से भी इरेक्शन होना, यानी लिंग का तनजाना बहुत आम है। शायद यह थोडा शर्मनाक लगे, लेकिन यह बिलकुल नोर्मल है। यह रात में भी हो सकता है, कभी कभी रात में तीन से पांच बार तक शुक्राणु और वीर्यपात जब आप बहुत उतेजित हो जाते हैं, तब आपको ओर्गास्म (चरम आनंद) और वीर्यपात हो सकता है। इसका मतलब है की एक चिपचिपा, सफ़ेद रनग का वीर्य लिंग से बाहर आता है। यह हस्तमैथुन और सेक्स के दौरान भी होता है। और आपके सोते हुए भी, जिसको स्वप्नदोष बोलते है। हस्तमैथुन की तरह, स्वप्नदोष भी बिलकुल नोर्मल है और इस से कोई नुक्सान नहीं होता - सिर्फ यह की आप जब उठते हैं तो चिपचिपा लगता है जैसे जैसे उम्र बढती है, उतना ही ज़्यादा शुक्राणु आपका शरीर बनाने लगता है। तो जब पहली बात आपका वीर्यपात होता है, तो बहुत थोड़े शुक्राणु बाहर निकलते हैं। कुछ सालों के बाद तो कुछ 900 मिलियन शुक्राणु हर वीर्यपात पर बाहर निकलते हैं। क्या आपके लिंग में कड़ापन नहीं आता क्या आप संभोग के दौरान सफल नहीं हो पाते हैं, क्या आपके लिंग में कड़ा पन नहीं आता या आप के अंदर उत्तेजना काफी देर से पैदा होती है ? पुरुषों की लव लाइफ के लिए लिंग में कड़ा पन नहीं आना खतरनाक साबित हो सकता है। इसे अंग्रेजी में इलेक्टाइल डाइस्फंशन कहते हैं। सीधे शब्दों में इसे नपुंसकता कहा जाता है। अगर ऐसा है, तो आप कुछ जरूरी बातों का पालन कर इससे काफी हद तक कम या खत्म कर अपनी पार्टनर को संतुष्ट कर सकते हैं। सबसे पहले हम बात करेंगे इसके पीछे के कारणों की। लिंग में कड़ा पन नहीं आने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-
1. पत्नी से बिगड़ते संबंध: यदि आपकी पत्नी से आपके संबंध अच्छे नहीं हैं और आप दोनों के अंदर संभोग की चाहत खत्म हो चुकी है,तो धीरे-धीरे लिंग में कड़ापन आना कम होने लगता है। एक समय ऐसा आता है, जब आप चाह कर भी संभोग नहीं कर पाते। लिहाजा सेक्स लाइफ को लंबे समय तक बनाये रखने के लिए पति- पत्नी के बीच मधुर संबंध होना जरूरी है।
2. संभोग नहीं करना: मधुर संबंध होते हुए भी यदि आपने पत्नी से संभोग करना बंद कर दिया है या कम कर दिया है, तो टेस्टोस्टीरोन का बनना कम हो सकता है, जिस वजह से लिंग में कड़ापन आने में दिक्कत होने लगती है।
3. अन्य कारण: धूम्रपान करने, शराब पीने, जरूरत से ज्यादा मानसिक तनाव, जरूरत से ज्यादा आलस्य, अवसादग्रस्त होने, आदि से भी लिंग में कड़ापन कम हो जाता है। इसके अलावा डायबटीज़, कोलेस्ट्रॉल, किडनी संबंधी बीमारियां और हाई व लो ब्लड प्रेशर भी नपुंसकता के कारण हो सकते हैं। नपुंसकता का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव शादी-शुदा जीवन पर पड़ता है। सबसे ज्यादा तलाक भी इसी के कारण होते हैं। यदि लिंग में कड़ापन आने से पहले, या कड़ापन आते ही वीर्य निकल जाता है, यदि संभोग शुरू करते ही वीर्य निकल जाता है, तो यह सभी नपुंसकता की निशानी हैं। यदि संभोग के दौरान आपका वीर्य निकलने से पहले ही आपके ब्लैडर में वापस चला जाता है, तो भी यह खतरनाक है। यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो घबराने की बात नहीं है। आप बिना किसी संकोच के सीधे किसी अच्छे गुप्तरोग विशेषज्ञ की सलाह लें। इरेक्टाइल डाइस्फंशन में वियाग्रा या लेविट्रा जैसी दवाएं दी जाती हैं। ऐसा होने पर पत्नी के भरपूर सहयोग की जरूरत पड़ती है। यदि आपके पति के साथ ऐसी समस्याएं हैं, तो उनके मनोबल को गिरने मत दें। आप पहले की तरह ही उत्तेजक कपड़ों में उनके सामने जायें और उन्हें सेक्स के लिए प्रेरित करें। किस, फोरसेक्स, आदि जारी रखें। हो सकता है शुरू में विफलता हाथ लगे, लेकिन सही इलाज के बाद आपको सफलता जरूर मिल सकती है।
लेकिन ये बाते तो काम सूत्र के साथ लोगो के विचार है, जो काम लगे वो हथिया लीजिये... वैसे नए दौर का कामसूत्र वात्स्यायन के बताए पुराने कामसूत्र को मौजूदा दौर में कैसे इस्तेमाल किया जाए? नई जीवनशैली को अपना चुके लोग इससे कैसे फायदा उठा सकते हैं? यही बताती है एएनडी हकसर की नई किताब. य आधुनिक कामसूत्र है.
प्रकाशन गृह पेंग्विन इस किताब को अगले साल फरवरी तक दुनियाभर की किताबों की दुकानों तक पहुंचा देगा. किताब नए जमाने की भागदौड़ में जी रहे लोगों को सेक्स के कामयाब तरीके बताएगी. अखबार संडे टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सेक्स के आसनों और पुराने कामसूत्र के अनुवाद से अलग पॉकेट बुक्स के आकार में छपी यह किताब प्यार और रिश्तों के हर पहलू तक पहुंचने की कोशिश करती है.
इससे पहले जब भी कामसूत्र की बात हुई तो 19वीं सदी में सर रिचर्ड फ्रांसिस बर्टान की किताब का जिक्र ही आया जिसमें तस्वीरें और प्राचीन कामसूत्र का अनुवाद किया गया है. इसकी भाषा भी पुराने जमाने वाली ही है.
हर रोज़ पूरी ऊर्जा के साथ कैसे करें संभोग?
कौन होगा जो हर रोज़ संभोग नहीं करना चाहेगा, लेकिन कई बार ऊर्जा साथ नहीं देती या फिर क्लाईमैक्स तक पहुंचने में दिक्कत आती है। या यूं कहिये कि सेक्स की चरम सीमा तक आप रोज़ रोज़ नहीं पहुंच पाते हैं, जिस वजह से रोज संभोग करने का मन नहीं करता। हम यहां बतायेंगे कुछ ऐसी टिप्स जिन्हें फॉलो करने से आप हर रोज़ पूरी ऊर्जा के साथ संभोग कर सकेंगे। वो भी बिना मूड को खराब किये।
1. कंट्रोल-
कई पुरुषों में संभोग से पहले ही रतिनिष्पत्ति की समस्या होती है। उनका वीर्य संभोग से पहले ही स्खलित हो जाता है। इस वजह से वो संभोग नहीं कर पाते हैं। वैसे यह कोई बीमारी नहीं होती है। यह सिर्फ आपके मूड पर निर्भर करता है। कई बार आप संभोग से पहले ही इतने ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं कि आपका वीर्य डिस्चार्ज हो जाता है। इसके लिये जरूरी है खुद पर कंट्रोल।
अगर आप खुद पर कंट्रोल रखते हैं, तो आप जितनी देर चाहें, उतनी देर संभोग कर सकते हैं। खुद पर कंट्रोल करने के लिये संभोग से आधे घंटे पहले मैथुन कर लें। उसके बाद संभोग के दौरान जैसे ही क्लाईमैक्स तक पहुंचने वाले हों, वैसे ही रुक जायें। अपने ध्यान को दूसरी बातों की ओर ले जायें। अगर आप रुकना नहीं चाहते हैं, तो संभोग करते वक्त अपने दिमाग में उन बातों को सोचें जिनसे आपको तनाव हो सकता है। ऐसा करने से आप तुरंत डिस्चार्ज नहीं होंगे।
2. फोर प्ले-
जितनी ज्यादा देर तक आप फोर प्ले करेंगे, संभोग का मज़ा उतना ज्यादा होगा। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को फोर प्ले ज्यादा अच्छा लगता है। फोर प्ले का फायदा भी उन्हें ही ज्यादा मिलता है। ऐसा इसलिये क्योंकि पुरुष तो तीन-चार मिनट के अंदर डिस्चार्ज हो सकते हैं, लेकिन महिलाओं को चरम सीमा तक पहुंचने में समय लगता है। ऐसा करके आप अपनी पार्टनर को ज्यादा खुश रख सकते हैं।
3. संभोग की गति-
संभोग के वक्त अपनी गति को नियंत्रित रखने से आप ज्यादा देर तक संभोग कर सकते हैं। जोश में आकर होश खो देने से मज़ा किरकिरा हो सकता है। महिला अथवा पुरुष दोनों में जो भी व्यक्ति ऊपर होता है, उसी की जिम्मेदारी होती है गति पर नियंत्रण रखने की।
4. पार्टनर की मदद-
कई बार होता है कि पुरुष पहले ही स्खलित हो जाते हैं, जिस वजह से उनकी पार्टनर को कई बार निराशा हाथ लगती है। इसलिये बेहतर होगा यदि आप ऊपर की तीन टिप्स को अपनाते हुए संभोग करें। ऐसा करने से आपकी पार्टनर आपके साथ-साथ डिस्चार्ज होगी और संभोग का मज़ा कई गुना ज्यादा होगा।
क्या लिंग का साइज़ 5 इंच का होना पत्नी को करता है संतुष्ट
तो मेरे हिसाब से तो पहले तो आपको यह बता देना ज़रूरी है कि आपके लिंग का साइज बिल्कुल ठीक है और इसके लिए आपको वैवाहिक जीवन में कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय पुरूषों के लिंग का साइज 5 से 6 इंच का होता है। अच्छी तरह से सेक्स लाइफ का आनंद उठाने के लिए दिल के एहसास की ज़रूरत होती है लिंग के साइज की नहीं।
अब जानकारी के तौर पर आपको यह बताना ज़रूरी है कि लिंग के साइज को बढ़ाने का कोई भी तरीका सुरक्षित नहीं होता है। बाजार में बहुत तरह से जेल, क्रिम, और दवाईयाँ मिलती हैं जो सिर्फ नाम की ही होती है। यहाँ तक कि व्यायाम भी इस मामले में कोई प्रभावकारी काम नहीं कर पाता है। इस क्षेत्र में पीनिस इन्लार्ज्मन्ट सर्जरी ( penis enlargement surgery) कुछ हद तक काम करता है। लेकिन यह इरेक्ट अवस्था में लिंग के साइज़ को बढ़ाने में मदद नहीं करता है। किसी-किसी को सर्जरी के बाद इरेक्शन में असुविधा होती है। एक ही चीज आपके इस समस्या का समाधान कर सकता है, वह है सेक्स एजुकेशन। इसके द्वारा आपको सेक्स ऑर्गन के बारे में सही जानकारी भी मिलेगी और सेक्स करने का सही तरीके का भी पता चलेगा। मेरे किसी भी लेख का आधार गूगल बाबा ही है, पहले जड़ की तरफ पहुचे की ये सेक्स की शुरुवात हुई कहा से लैब न साला लिंग के साइज़ का लफड़ा आएगा, तो पता चला की ऋषि वात्सायन ने ये पुनीत ग्रन्थ लिखा था तो काम-सूत्र का ज्ञान कुछ ऐसा है :
ऋषि वात्सायन दूारा लिखित काम-सूत्र शरीरिक सुखों के विषय पर सम्पूर्ण गृन्थ है। हिन्दू धर्म में वैवाहिक काम सम्बन्ध किसी ‘ईश्वरीय-आज्ञा’ का उलन्धन नहीं माने जाते। वह ईश्वर के प्रति मानव कर्तव्यों के निर्वाह के निमितहैं और सृष्टि के क्रम को चलाये रखने की श्रंखला के अन्तर्गत आते हैं। कामदेव को देवता माना जाता है ना कि शैतान। काम-सूत्र गृन्थ का लग भग सभी विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और भारतीय अध्यात्मिकता की तरह अपने क्षेत्र में यह गृन्थ भी सर्वत्र प्रेरणादायक है। इस से प्रेरणा ले कर शिल्पियों और चित्रकारों ने अपनी कला से विश्व भर के पर्यटकों को चकित किया है। चन्देल राजाओं दूारा निर्मित खजुरोहो के तीस मन्दिर काम-कला कृतियों को ही समर्पित हैं जो इस विषय में मानव कल्पनाओ की पराकाष्ठा दर्शाती हैं। काम को धर्म शास्त्रों की पूर्ण स्वीकृति है अतः शिल्प कृतियों में अधिकतर देवी – देवताओ को ही नायक नायकाओं के रूप में दिखाया गया है।
हिन्दू समाज में कोई ‘तालिबानी ’ ढंग का अंकुश नहीं है। केवल धर्म और सार्वजनिक स्थलों पर सामान्य शिष्टाचार का निर्वाह करना ही आवश्यक है। खजुरोहो कृतियों के पीछे छिपा अध्यात्मवाद और इतिहास शायद तथाकथित ‘ओवर-लिबरल’ विदेशी पर्यटकों को समझ नहीं आये गा फिर भी उन्हें स्वीकारना पडे गा कि काम-कला प्रदर्शन में भी आज से दस शताब्दी पूर्व भारतवासी योरूप्यिन लोगों से कहीं आगे थे।
काम का क्षेत्र केवल शरीरिक सम्बन्धों तक ही सीमित नहीं है। इस के अन्तर्गत सहचर्य के अतिरिक्त अच्छा भोजन, वस्त्र, आभूषण, रहन-सहन, कला, मनोरंजन, आराम, सुगन्धितवातावरण आदि जीवन के सभी भौतिक ऐश्वर्यों के आकर्षण आ जाते हैं। धर्म की सीमा के प्रतिबन्ध के अन्तर्गत सभी कुछ हिन्दू समाज में स्वीकृत है। यही वास्तविक ‘लिबरलज़िम ’ है।
वाल्मीकि रामायण में कई भौतिक सुखों की परम्पराओ के उल्लेख देखे जा सकते हैं। ऱाजा दशरथ को प्रातः जगाने का विधान अयोध्या नगरी की भव्यता तथा ऐश्वर्य का भान कराता है। ऋषि भारदूाज चित्रकूट मार्ग पर राजकुमार भरत तथा अयोध्या वासियों के सत्कार में ऐक भोज का प्रबन्ध अपने आश्रम में ही करते है जो किसी भी पाँचतारा होटल की ‘बैंक्विट’ से कम नहीं। ऱावण के अन्तःपुर में सीता की खोज में जब हनुमान प्रवेष करते हैं तो वहाँ के वातावरण का चित्रण अमेरिका के किसी भी नाईट-कल्ब को पीछे छोड दे गा। किन्तु ऋषि वालमीकि कहीं भी वर्णन चित्रण करते समय भव्यता और शालीनता की रेखा को नहीं लाँघते।
फिर भी आप से कौनो मैच करता है तो
वात्स्यायन ने लिंग के आकार के आधार पर पुरुष को तीन वर्ग में बांटा है
1. शश (खरगोश के समान छोटे व पतले लिंग वाला)
2. वृष (बैल के समान लंबाई व मोटाई में मंझोले लिंग वाला)
3. अश्व (घोड़े के समान लंबे और मोटे लिंग वाला)
योनी के आकार व गहराई के आधार पर स्त्रियों को भी तीन श्रेणियों में रखा गया है
1. मृगी (हिरनी के समान उथली योनि वाली)
2. बड़वा (घोड़ी के समान मझोली गहराई की योनि वाली)
3. हस्तिनी (हथिनी के समान गहरी योनि वाली)
समान व लिंग वाले स्त्री-पुरुष के बीच संभोग को समान मैथुन मान
गया है। समान मैथुन को सर्वोत्तम माना गया है। इसके तीन प्रकार हैं
1 शश पुरुष का मृगी नारी के साथ
2 वृष पुरुष का बड़वा नारी के साथ
3 अश्व पुरुष का हस्तिनी नारी के साथ
योनि व लिंग की असमानता वाले स्त्री-पुरुष के संभोग को विषम संभोग माना गया है। इसके छह प्रकार हैं
1 शश पुरुष का बड़वा नारी से
2 शश पुरुष का हस्तिनी नारी से
3 वृष पुरुष का मृगी नारी से
4 वृष पुरुष का हस्तिनी नारी से
5 अश्व पुरुष का मृगी नारी से
6 अश्व पुरुष का बड़वा नारी से
वात्स्यायन के मुताबिक विषम में भी संभोग का आनन्द मिल सकता है, लेकिन...
1. अश्व पुरुष का बड़वा नारी से एवं वृष पुरुष का मृगी नारी से संभोग हो
2. अश्व पुरुष का मृगी नारी से संभोग कष्टकर हो जाता है।
3 .शश पुरुष का हस्तिनी नारी से संभोग सबसे निम्न दशा है।
4 .शश पुरुष का बड़वा नारी से, वृष पुरुष का मृगी नारी से एवं वृष पुरुष का हस्तिनी नारी से संभोग की दशा मध्यम दशा है
5 . विषम संभोग में भी नारी योनि की गहराई की अपेक्षा पुरुष लिंग की लंबाई वाला संभोग उस संभोग से श्रेष्ठ है, जिसमें नारी योनि पुरुष के लिंग से बड़ी होती है
लिंग: पांच बड़े तथ्य लिंग बहुत सारे आकार और साइज़ के होते हैं: सीधा, टेढ़ा, मोटा, पतला, लम्बा, खतना करा हुआ और बिना खतना...लेकिन इसमें से नोर्मल क्या है ? और क्या आप सचः क्या हम किसी पुरुष की नाक देखकर उसके लिंग की लम्बाई का पता लगा सकते हैं ? क्या सभी पुरुषों के लिंग एक ही तरह से तना हुआ होता है ? और वीर्यपात क्या होता है ?
चलिए, बात करते हैं साइज़ की। जब लिंग तना हुआ नहीं होता,तो उसकी नोर्मल लम्बाई होती है - 6 से 13 सेंटीमीटर। जब लिंग तना हुआ होता है, तो उसका साइज़ होता है 7 से 17 सेंटीमीटर के बीच। लम्बे लिंग के मुकाबले, छोटे लिंग अधिकतर तना हुआ होने पर ज़्यादा लम्बे हो जाते हैं। आपके लिंग का साइज़ आपकी प्रजातीय वर्ग और नस्ल पर भी निर्भर करता है। अफ्रीका के वंशज के लिंग यूरोप के पुरुषों के मुकाबले ज्यादा लम्बे और मोटे होते हैं। अगर आप एशियाई नसल के हैं, तो आपका थोड़ा छोटा और पतला लिंग हो सकता है, ऐसा वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन का कहना है। तो क्या आप वाकई किसी पुरुष की नाक देखकर यह बता सकते हैं की उसका लिंग कितना बड़ा है? या उसके पैर देखकर? अगर वाकई आप किसी पुरुष के लिंग का नाप जानने की इच्छा रखते हैं तो उसकी हथेली पर नज़र डालिए।जितनी बड़ी रिंग फिंगर (अनामिका) होती है, उतना ही बड़ा उसका लिंग होने की संभव है, ऐसा दक्षिण कोरेया में करे गए एक शोध में पाया गया। जितना ज़्यादा टेस्टास्टरोन (वृषणि) किसी पुरुष को मिली होगी, जब वो अपनी माँ के गर्भ में था, उतनी बड़ी ही उस पुरुष की रिंग फिंगर होती ही। लेकिन इसका असर उसके लिंग के साइज़ पर भी पड़ता है। लम्बी रिंग फिंगर (अनामिका), लम्बा लिंग पर और जानकारी लेकिन...क्या वाकई साइज़ से फर्क पड़ता है ? तो अब आप शायद अपनी उँगलियों को देखकर सोच रहे होंगे की क्या सच में साइज़ से कोई फ़र्क पड़ता है। ऐसा पाया गया है की लिंग की मोटाई अपने साथी को संतुष्ट करने के लिए ज़्यादा ज़रूरी होती है, क्यूंकि इस से योनी में ज़्यादा उतेजना होती है। और लिंग के साइज़ को एक तरफ कर दे तो, महिलाएं एक स्थायी रिश्ता और अपने साथी की बाकि शारीरिक चीज़ों को भी - जैसे बालों को, संतुष्ट सेक्स का ज़रूरी हिस्सा मानती हैं ! क्या साइज़ से फ़र्क पड़ता है ? उतेजित होकर तन जाना जब आप कामुकता से उतेजित होते हैं, आपका लिंग तन जाता है और बड़ा भी हो जाता है -इसको इरेक्शन कहते हैं। पुरुषों के लिए अनचाहे भी और स्वाभाविक तौर से भी इरेक्शन होना, यानी लिंग का तनजाना बहुत आम है। शायद यह थोडा शर्मनाक लगे, लेकिन यह बिलकुल नोर्मल है। यह रात में भी हो सकता है, कभी कभी रात में तीन से पांच बार तक शुक्राणु और वीर्यपात जब आप बहुत उतेजित हो जाते हैं, तब आपको ओर्गास्म (चरम आनंद) और वीर्यपात हो सकता है। इसका मतलब है की एक चिपचिपा, सफ़ेद रनग का वीर्य लिंग से बाहर आता है। यह हस्तमैथुन और सेक्स के दौरान भी होता है। और आपके सोते हुए भी, जिसको स्वप्नदोष बोलते है। हस्तमैथुन की तरह, स्वप्नदोष भी बिलकुल नोर्मल है और इस से कोई नुक्सान नहीं होता - सिर्फ यह की आप जब उठते हैं तो चिपचिपा लगता है जैसे जैसे उम्र बढती है, उतना ही ज़्यादा शुक्राणु आपका शरीर बनाने लगता है। तो जब पहली बात आपका वीर्यपात होता है, तो बहुत थोड़े शुक्राणु बाहर निकलते हैं। कुछ सालों के बाद तो कुछ 900 मिलियन शुक्राणु हर वीर्यपात पर बाहर निकलते हैं। क्या आपके लिंग में कड़ापन नहीं आता क्या आप संभोग के दौरान सफल नहीं हो पाते हैं, क्या आपके लिंग में कड़ा पन नहीं आता या आप के अंदर उत्तेजना काफी देर से पैदा होती है ? पुरुषों की लव लाइफ के लिए लिंग में कड़ा पन नहीं आना खतरनाक साबित हो सकता है। इसे अंग्रेजी में इलेक्टाइल डाइस्फंशन कहते हैं। सीधे शब्दों में इसे नपुंसकता कहा जाता है। अगर ऐसा है, तो आप कुछ जरूरी बातों का पालन कर इससे काफी हद तक कम या खत्म कर अपनी पार्टनर को संतुष्ट कर सकते हैं। सबसे पहले हम बात करेंगे इसके पीछे के कारणों की। लिंग में कड़ा पन नहीं आने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-
1. पत्नी से बिगड़ते संबंध: यदि आपकी पत्नी से आपके संबंध अच्छे नहीं हैं और आप दोनों के अंदर संभोग की चाहत खत्म हो चुकी है,तो धीरे-धीरे लिंग में कड़ापन आना कम होने लगता है। एक समय ऐसा आता है, जब आप चाह कर भी संभोग नहीं कर पाते। लिहाजा सेक्स लाइफ को लंबे समय तक बनाये रखने के लिए पति- पत्नी के बीच मधुर संबंध होना जरूरी है।
2. संभोग नहीं करना: मधुर संबंध होते हुए भी यदि आपने पत्नी से संभोग करना बंद कर दिया है या कम कर दिया है, तो टेस्टोस्टीरोन का बनना कम हो सकता है, जिस वजह से लिंग में कड़ापन आने में दिक्कत होने लगती है।
3. अन्य कारण: धूम्रपान करने, शराब पीने, जरूरत से ज्यादा मानसिक तनाव, जरूरत से ज्यादा आलस्य, अवसादग्रस्त होने, आदि से भी लिंग में कड़ापन कम हो जाता है। इसके अलावा डायबटीज़, कोलेस्ट्रॉल, किडनी संबंधी बीमारियां और हाई व लो ब्लड प्रेशर भी नपुंसकता के कारण हो सकते हैं। नपुंसकता का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव शादी-शुदा जीवन पर पड़ता है। सबसे ज्यादा तलाक भी इसी के कारण होते हैं। यदि लिंग में कड़ापन आने से पहले, या कड़ापन आते ही वीर्य निकल जाता है, यदि संभोग शुरू करते ही वीर्य निकल जाता है, तो यह सभी नपुंसकता की निशानी हैं। यदि संभोग के दौरान आपका वीर्य निकलने से पहले ही आपके ब्लैडर में वापस चला जाता है, तो भी यह खतरनाक है। यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो घबराने की बात नहीं है। आप बिना किसी संकोच के सीधे किसी अच्छे गुप्तरोग विशेषज्ञ की सलाह लें। इरेक्टाइल डाइस्फंशन में वियाग्रा या लेविट्रा जैसी दवाएं दी जाती हैं। ऐसा होने पर पत्नी के भरपूर सहयोग की जरूरत पड़ती है। यदि आपके पति के साथ ऐसी समस्याएं हैं, तो उनके मनोबल को गिरने मत दें। आप पहले की तरह ही उत्तेजक कपड़ों में उनके सामने जायें और उन्हें सेक्स के लिए प्रेरित करें। किस, फोरसेक्स, आदि जारी रखें। हो सकता है शुरू में विफलता हाथ लगे, लेकिन सही इलाज के बाद आपको सफलता जरूर मिल सकती है।
लेकिन ये बाते तो काम सूत्र के साथ लोगो के विचार है, जो काम लगे वो हथिया लीजिये... वैसे नए दौर का कामसूत्र वात्स्यायन के बताए पुराने कामसूत्र को मौजूदा दौर में कैसे इस्तेमाल किया जाए? नई जीवनशैली को अपना चुके लोग इससे कैसे फायदा उठा सकते हैं? यही बताती है एएनडी हकसर की नई किताब. य आधुनिक कामसूत्र है.
प्रकाशन गृह पेंग्विन इस किताब को अगले साल फरवरी तक दुनियाभर की किताबों की दुकानों तक पहुंचा देगा. किताब नए जमाने की भागदौड़ में जी रहे लोगों को सेक्स के कामयाब तरीके बताएगी. अखबार संडे टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सेक्स के आसनों और पुराने कामसूत्र के अनुवाद से अलग पॉकेट बुक्स के आकार में छपी यह किताब प्यार और रिश्तों के हर पहलू तक पहुंचने की कोशिश करती है.
इससे पहले जब भी कामसूत्र की बात हुई तो 19वीं सदी में सर रिचर्ड फ्रांसिस बर्टान की किताब का जिक्र ही आया जिसमें तस्वीरें और प्राचीन कामसूत्र का अनुवाद किया गया है. इसकी भाषा भी पुराने जमाने वाली ही है.
हर रोज़ पूरी ऊर्जा के साथ कैसे करें संभोग?
कौन होगा जो हर रोज़ संभोग नहीं करना चाहेगा, लेकिन कई बार ऊर्जा साथ नहीं देती या फिर क्लाईमैक्स तक पहुंचने में दिक्कत आती है। या यूं कहिये कि सेक्स की चरम सीमा तक आप रोज़ रोज़ नहीं पहुंच पाते हैं, जिस वजह से रोज संभोग करने का मन नहीं करता। हम यहां बतायेंगे कुछ ऐसी टिप्स जिन्हें फॉलो करने से आप हर रोज़ पूरी ऊर्जा के साथ संभोग कर सकेंगे। वो भी बिना मूड को खराब किये।
1. कंट्रोल-
कई पुरुषों में संभोग से पहले ही रतिनिष्पत्ति की समस्या होती है। उनका वीर्य संभोग से पहले ही स्खलित हो जाता है। इस वजह से वो संभोग नहीं कर पाते हैं। वैसे यह कोई बीमारी नहीं होती है। यह सिर्फ आपके मूड पर निर्भर करता है। कई बार आप संभोग से पहले ही इतने ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं कि आपका वीर्य डिस्चार्ज हो जाता है। इसके लिये जरूरी है खुद पर कंट्रोल।
अगर आप खुद पर कंट्रोल रखते हैं, तो आप जितनी देर चाहें, उतनी देर संभोग कर सकते हैं। खुद पर कंट्रोल करने के लिये संभोग से आधे घंटे पहले मैथुन कर लें। उसके बाद संभोग के दौरान जैसे ही क्लाईमैक्स तक पहुंचने वाले हों, वैसे ही रुक जायें। अपने ध्यान को दूसरी बातों की ओर ले जायें। अगर आप रुकना नहीं चाहते हैं, तो संभोग करते वक्त अपने दिमाग में उन बातों को सोचें जिनसे आपको तनाव हो सकता है। ऐसा करने से आप तुरंत डिस्चार्ज नहीं होंगे।
2. फोर प्ले-
जितनी ज्यादा देर तक आप फोर प्ले करेंगे, संभोग का मज़ा उतना ज्यादा होगा। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को फोर प्ले ज्यादा अच्छा लगता है। फोर प्ले का फायदा भी उन्हें ही ज्यादा मिलता है। ऐसा इसलिये क्योंकि पुरुष तो तीन-चार मिनट के अंदर डिस्चार्ज हो सकते हैं, लेकिन महिलाओं को चरम सीमा तक पहुंचने में समय लगता है। ऐसा करके आप अपनी पार्टनर को ज्यादा खुश रख सकते हैं।
3. संभोग की गति-
संभोग के वक्त अपनी गति को नियंत्रित रखने से आप ज्यादा देर तक संभोग कर सकते हैं। जोश में आकर होश खो देने से मज़ा किरकिरा हो सकता है। महिला अथवा पुरुष दोनों में जो भी व्यक्ति ऊपर होता है, उसी की जिम्मेदारी होती है गति पर नियंत्रण रखने की।
4. पार्टनर की मदद-
कई बार होता है कि पुरुष पहले ही स्खलित हो जाते हैं, जिस वजह से उनकी पार्टनर को कई बार निराशा हाथ लगती है। इसलिये बेहतर होगा यदि आप ऊपर की तीन टिप्स को अपनाते हुए संभोग करें। ऐसा करने से आपकी पार्टनर आपके साथ-साथ डिस्चार्ज होगी और संभोग का मज़ा कई गुना ज्यादा होगा।
<< पहले भी लिखा था लिंग पुराण के ही बारे में, मन करे तो या ये जरुर याद रखियेगा ये १८+ का ही मसाला है..;)
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Thanks for sharing your post. Natural penis enlargement supplement like sikander-e-azam plus is also best to increase penis girth and length up to 2 inches.
ReplyDeleteश्रीमान जी आप हमे यह बतायेंगे कि उत्तेजित अवस्था में कम से कम लिंग का आकार कितना होना चाहिए
ReplyDeleteलिगं का आकार
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ReplyDeleteI am very glad that natural penis enlargement is helping a lot of people who are suffering from small penis and male sex problems and they are all getting better sexual life now!
ReplyDeleteयुवाओं के लिए बहुत अच्छी जानकारी धन्यवाद
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ReplyDeleteVery useful post. Get rid of small penis issue with the use of natural penis enlargement treatment in terms of effectiveness.
ReplyDeleteSir मेरा लिंग छोटा है बहुत निराश हु मै प्लीज़ कुछ बाते ना
ReplyDeleteलिंग का आकार मिनीमम कितना होना चाहिए
ReplyDelete7
Deleteमेडिकल साइंस के अनुसार कोई भी स्त्री या पुरुष लगभग 5 से 7 मिनट में संभोग संबंध हो की चरण स्थित को प्राप्त कर सकता है परंतु अगर केवल महिला की बात की जाए तो महिलाएं लगभग 25 से 30 मिनट का समय लेती है।वास्तव में यह सभी बातें संभोग की पोजीशन और एक्टिविटी पर निर्भर करती है।
ReplyDeleteमहिला कितनी देर में चढ़ती है