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Thursday, April 27, 2017

मदर्स डे (मातृ दिवस)

आज नेपाली बैशाख महिना का आमवस्या (वैशाख कृष्णऔँसी ) मतलब माता जी का मुख देखने का दिन, नेपाल का त्यौहार मुझे बहुत अच्छा लगता है , बस इसके पीछे एक सिंपल लोजिक है की माँ ने नौ महिनातक अपने गर्भ में रख कर जन्म दिया है


इस सम्मान में आज ये त्यौहार मनाया जाता है जिसे नेपाली में कहा जाता है “आमाको मुख हेर्ने दिन”
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Sunday, April 23, 2017

तो यह काशी एक असाधारण यंत्र है

वाराणसी – जिसे बनारस और काशी भी कहते हैं, भारत का सबसे पुराना और आध्यात्मिक शहर है। किसने रचा इस शहर को? क्या शिव खुद यहां रहते थे? क्या है इसका इतिहास? आइये जानते हैं इस संवाद के द्वारा वाराणसी की विशेषताएं
प्रसून जोशी: सद्‌गुरु, युगों पहले से लोग बनारस के बारे में बात करते आ रहे हैं। इस शहर में आखिर ऐसा क्या खास है? कहा जाता है कि कुछ यंत्र और खास विचार को ध्यान में रखते हुए इस शहर का डिजाइन तैयार किया गया था। क्या आप बता सकते हैं कि इस शहर का निर्माण कैसे हुआ और इसका महत्व क्या है?

सद्‌गुरु: यंत्र का मतलब है एक मशीन। मूल रूप से आज हम जो भी हैं – अपनी मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए ही हम कोई मशीन बनाते हैं या अब तक हमने इसी मकसद से मशीन बनाए बनाये हैं।
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Thursday, April 13, 2017

Vinay kull विनय कुल

हम ठहरे खांटी बनारसी, दिमाक से वही तन्नी गुरु स्टाइल, आप समझ सकते है, २००३ में भारत से बाहर निकले तो एक नयी दुनिया देखी, लोग कितने ब्यस्त है, कितनी क्रिएटिविटी है, उनकी सोच कुछ अलग है है, लेकिन वो एक समाज के ऐसे कोने में है की लोगो की नजरे ही नहीं जाती, लेकिन हम सुनते सबकी है, करते अपने मन का, लोगो की सोच में मंथन करने का, ये बनारसियो की आदत है, जो दुनिया नहीं करती वो बनारसी करते है क्यों की बनारस में हर बिद्या के गुरु है,...
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Tuesday, April 4, 2017

सेतो मच्छिन्द्रनाथ की रथ जात्रा

काठमांडू (२०७३ चैत्र २२, मंगलवार) आज नेपाल में चैते दशाहिं (चैते दशैं), मतलब चैत्र के नवरात्र की Astmi तिथि, नेपाल के सभी सिद्ध देवी मंदिरों में मनाया जाता है, "चैते दशाहिं" में बड़ा दशाहिं (नेपाली हिन्दू का महान पर्व महान चाड बडा दशैं ) जैसे ही माँ दुर्गा भवानी की आराधना की जाती है, आज के दिन काठमांडू के दक्षिण काली, शोभा भगवती, गुहेस्वारी, नक्साल भगवती, संकठा, कलिका स्थान, मैती देवी के साथ ही गोरखा जिले के माँ मनकामना, काभ्रे जिले के पलान चौक भगवती, पोखरा के माँ विन्दवासिनी,सहित देश के सभी शक्ति पीठ में भक्त पूजा अर्चना करते है, और आज ही नेपाल में नेवारी समूह का एक बड़ा पर्व "सेतो मछेंद्र की रथयात्रा (सेतो मच्छिन्द्रनाथ की रथ जात्रा) का भी पर्व मनाया जाता है., जिसे जनबाहा द्यो, आर्यवलोकीतवारा, करुनामाया के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें हिन्दू और बौध दोनों
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