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Saturday, September 30, 2017

Khajuraho Group of Monuments : खजुराहो की यात्रा

खजुराहो की यात्रा 30 September 2017
 
तो सुबह ५ बजे ही पत्नी जी की मधुर आवाज सुनाई दी, उठो चाय आ चुकी है, चाय पि लो कितने बजे खजुराहो की टैक्सी आएगी ? मैंने कहा ९ बजे यहाँ से ब्रेकफास्ट कर के निकलेगे.. १ घंटे में नाहा धो अपन तैयार हुवे आउर निकल पड़े खजुराहो की तरफ, सुबह ९ बजे अपन की टैक्सी आ चुकी थी, एक दम नयी बिना नंबर की अपन दोनों पति पत्नी सामान रख टैक्सी में बिराज हुवे , टैक्सी चालक से पता चला की करीब १४० किलोमीटर की दुरी है जो करीब ४ घंटे लगेगे.. मैहर - उचेहरा – पन्ना – खजुराहो वाया NH 39, हम मैहर से बाहर निकले हमारी टैक्सी दौड़ रही थी,इस नक्से के आधार पर ४० किलो मीटर चलने के बाद तो लगा की किसी गाव में आ गए है, उजड़ी सड़के, धुल मिटटी, खैर जाना तो था तो चुप चाप चल रहे थे

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Thursday, September 28, 2017

Maihar Yatra मैहर यात्रा

मैहर यात्रा 28 September 2017
हिन्दु धरम में सबसे बड़ी परेशानी है की मेहरारू के साथ धरम करम करना पड़ता है, इस साल कही पत्नी जी को ले कर कही निकले नहीं थे समाधी में, मने मेडिटेशन में क्यों की पत्नी जी के साथ मेडिटेशन करने से शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से हम स्वस्थ्य रह सकते हैं। मेडिटेशन तनाव और चिंता जैसी गंभीर समस्याओं के समाधान में भी लाभदायक है। तो सोचा था इस साल कुछ तूफानी करते है, चुकी पत्नी जी संघी मिजाज की है तो धार्मिक आस्था की बवासीर हर समय चपका रहता है आउर हम रहे सम्भोग से समाधी वाले, यही मामला नहीं मिलता है हर दिन किसी न किसी बात पर पत्नी जी से पंगा हो जाता है, लेकिन हिन्दू धरम में दहेज़ एक बुरी प्रथा है जो पैसे के लालच में मा बाप अपने बेटे के बेच देते है रोज सुनना पड़ता है .. एकदम्मे चूतिया हो का बे ???????? 

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Tuesday, June 27, 2017

Seema Subedi : सीमा सुवेदी विवाद

दुनिया चल रही है लोग खोज रहे है लेकिन इधर बीच नेपाल से वेब की खोज में सीमा सुवेदी टाप पर है उसके खिलाफ नेपाल की मिडिया में काफी नाराजगी दिख रही है जो  फेसबुक न्यूज़फ़ीड, ट्विटर, यूट्यूब और सभी सामाजिक प्लेटफार्मों पर है।



लेकिन वास्तव में क्या मामला है ? क्यों इतनी खोज बिन हो रही है सीमा सुवेदी की वह रातों रात क्यों इतनी
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Sunday, June 25, 2017

Shambhunath Shukla: ५ दिवसी नेपाल यात्रा संमरण शम्भू नाथ शुक्ल जी की

लोगो के सेलिब्रेटिस अलग अलग ही होते है, मेरे आदर्श लोग फेसबुक पर ही मौजूद है, फेसबुक के न आने से पहले मेरा ज्ञान सिमित था, लेकिन फेसबुक से जुड़ने के बाद तमाम सोच के लोगो से परिचय हुवा, हाला की मेरा मानना है की किताबो से अच्छा कोई दोस्त नहीं हो सकता, फेसबुक भी चहरे की एक किताब है, जहा कुछ नया इनोवेसन होता रहता है, कलम के माध्यम से, इससे हमें बहुत कुछ सिखने का मौका मिलता है, हाला की सोसल मिडिया के आने से ज्ञान का बाजार बड़ा हुवा है, सामान्यतः हर आदमी के जीवन में उसका दायरा होता है, जहा वो पड़ता है, उसके अगल बगल जो लोग रहते है वो जो करते है वही वो सीखता है, उसमे अहम् रोल होता है माँ बाप का फिर गुरु का, एक कहावत भी सुने थे बचपन में की
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Sunday, May 28, 2017

Congress Social media : कांग्रेस सोशल मीडिया सम्मलेन

हाला की कभी राजनीती से झुकाव नहीं रहा है क्यों की माँ पिता जी को राजनीती पसंद नहीं, बचपन से यही सिखाया गया की सबसे गन्दी राजनीती ही होती है..

यु तो लिखने पड़ने का सुख नेपाल में ही ले पाया क्यों की जब तक भारत में रहे नौकरी के लिए ही संघर्ष करते रहे, बचपन से थे लंठ बनारसी तो हर जगह वही अंदाज.. २००४ से सोसल साइड के आने के बाद लगा की बनारस के लोग कुछ भी नहीं जानते क्यों की वो सिफ शिवत्व में ही रहते है .

गूगल बाबा के अनुसार “नागरिक स्तर पर या व्यक्तिगत स्तर पर कोई विशेष प्रकार का सिद्धान्त एवं व्यवहार राजनीति (पॉलिटिक्स) कहलाती है। अधिक संकीर्ण रूप से कहें तो शासन में पद प्राप्त करना तथा सरकारी पद का उपयोग करना राजनीति है। राजनीति में बहुत से रास्ते अपनाये जाते हैं जैसे- राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाना, कानून बनाना, विरोधियों के विरुद्ध युद्ध आदि शक्तियों का प्रयोग करना। राजनीति बहुत से स्तरों पर हो सकती है- गाँव की परम्परागत राजनीति से लेकर, स्थानीय सरकार, सम्प्रभुत्वपूर्ण राज्य या अन्तराष्ट्रीय स्तर पर। “
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Thursday, April 27, 2017

मदर्स डे (मातृ दिवस)

आज नेपाली बैशाख महिना का आमवस्या (वैशाख कृष्णऔँसी ) मतलब माता जी का मुख देखने का दिन, नेपाल का त्यौहार मुझे बहुत अच्छा लगता है , बस इसके पीछे एक सिंपल लोजिक है की माँ ने नौ महिनातक अपने गर्भ में रख कर जन्म दिया है


इस सम्मान में आज ये त्यौहार मनाया जाता है जिसे नेपाली में कहा जाता है “आमाको मुख हेर्ने दिन”
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Sunday, April 23, 2017

तो यह काशी एक असाधारण यंत्र है

वाराणसी – जिसे बनारस और काशी भी कहते हैं, भारत का सबसे पुराना और आध्यात्मिक शहर है। किसने रचा इस शहर को? क्या शिव खुद यहां रहते थे? क्या है इसका इतिहास? आइये जानते हैं इस संवाद के द्वारा वाराणसी की विशेषताएं
प्रसून जोशी: सद्‌गुरु, युगों पहले से लोग बनारस के बारे में बात करते आ रहे हैं। इस शहर में आखिर ऐसा क्या खास है? कहा जाता है कि कुछ यंत्र और खास विचार को ध्यान में रखते हुए इस शहर का डिजाइन तैयार किया गया था। क्या आप बता सकते हैं कि इस शहर का निर्माण कैसे हुआ और इसका महत्व क्या है?

सद्‌गुरु: यंत्र का मतलब है एक मशीन। मूल रूप से आज हम जो भी हैं – अपनी मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए ही हम कोई मशीन बनाते हैं या अब तक हमने इसी मकसद से मशीन बनाए बनाये हैं।
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Thursday, April 13, 2017

Vinay kull विनय कुल

हम ठहरे खांटी बनारसी, दिमाक से वही तन्नी गुरु स्टाइल, आप समझ सकते है, २००३ में भारत से बाहर निकले तो एक नयी दुनिया देखी, लोग कितने ब्यस्त है, कितनी क्रिएटिविटी है, उनकी सोच कुछ अलग है है, लेकिन वो एक समाज के ऐसे कोने में है की लोगो की नजरे ही नहीं जाती, लेकिन हम सुनते सबकी है, करते अपने मन का, लोगो की सोच में मंथन करने का, ये बनारसियो की आदत है, जो दुनिया नहीं करती वो बनारसी करते है क्यों की बनारस में हर बिद्या के गुरु है, बनारसी हु, लेकिन बनारस गुरु लोगो की ही नगरी है, मस्ती का शहर, उसी क्रम में एक बनारसी मस्ती का अंदाज “ विनय कुल जी “ अब का तो पता नहीं, आज से २० साल पहले बनारस में संध्या कालीन अख़बार “ गांडीव “ जिसमे विनय जी के कार्टून “जवाब नहीं” नियमित रूप से बनारसियो का एक नशा था “ छान घोट के गांडीव पड़ना और दिन भर के थकान को विनय कुल जी के कार्टून के माध्यम से राहत .. उस समय चुकी आज जैसे मिडिया का जमाना तो था नहीं, बस पत्र पत्रिकाए, जिसमे विनय जी के हास्य ब्यंग दिख जाते ... अब मिडिया का जमाना आया तो एक दिन फेसबुक के एक पेज में साल २०१२ में धरा गए, जिन्होंने हम जैसे बनारसियो जो बनारस को प्रतक्ष्य नहीं देख सकते थे “सुबहे बनारस“ “हमारी काशी “ के भी दर्शन आप के माध्यम से होने लगा  डरते डरते उनको फेसबुक पर निवेदन भेजे, स्वीकार हो गया, तो हमहू फुल के कुप्पा हो गए की आज पहली बार किसी दिब्य बनारसी के हम मित्र सूचि में जगह पाए है.. अब तो विनय जी की विधा पुरे सोसल मिडिया में छितरा रहा है, पुरे बनारस के सटीक जानकारी के एन्साक्लोपीडिया है, ३-४ बार मिलना हुवा, जो हास्य विधा में मालिक है, वो असल जिन्दगी में बहुत गंभीर, नपी तुली बात करने वाले और अपने उसूलो के कट्टर, नो एहर होहर, उनके साथ बनारस की और भी छुपी विधा के दर्शन हुवे, जिसे मैंने गूगल पर लिखने की कोशिश की है, क्यों की ये बनारस की प्रतिभा सिर्फ बनारस में ही न रह जाये, दुनिया के लोग जाने इसी क्रम में विनय कुल जी.
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Tuesday, April 4, 2017

सेतो मच्छिन्द्रनाथ की रथ जात्रा

काठमांडू (२०७३ चैत्र २२, मंगलवार) आज नेपाल में चैते दशाहिं (चैते दशैं), मतलब चैत्र के नवरात्र की Astmi तिथि, नेपाल के सभी सिद्ध देवी मंदिरों में मनाया जाता है, "चैते दशाहिं" में बड़ा दशाहिं (नेपाली हिन्दू का महान पर्व महान चाड बडा दशैं ) जैसे ही माँ दुर्गा भवानी की आराधना की जाती है, आज के दिन काठमांडू के दक्षिण काली, शोभा भगवती, गुहेस्वारी, नक्साल भगवती, संकठा, कलिका स्थान, मैती देवी के साथ ही गोरखा जिले के माँ मनकामना, काभ्रे जिले के पलान चौक भगवती, पोखरा के माँ विन्दवासिनी,सहित देश के सभी शक्ति पीठ में भक्त पूजा अर्चना करते है, और आज ही नेपाल में नेवारी समूह का एक बड़ा पर्व "सेतो मछेंद्र की रथयात्रा (सेतो मच्छिन्द्रनाथ की रथ जात्रा) का भी पर्व मनाया जाता है., जिसे जनबाहा द्यो, आर्यवलोकीतवारा, करुनामाया के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें हिन्दू और बौध दोनों
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Friday, March 31, 2017

ब्रेकिंग न्यूज

ब्रेकिंग न्यूज नरैन्द्र माेदी ने किया कमाल केंद्र सरकार ने लिया अहम निर्णय! पैट्रोल डीजल के दामो में अब तक की सबसे भारी गिरावट के चलते 40 साल के रिकार्ड को तोड़ने वाला रेट 31 मार्च 2017 रात 12.00बजे से लागू होगा पट्राेल रूपये 37.30 प्रति लीटर & डीजल 31.80 रुपये प्रति लीटर होंगे रेट

 🙏हर हर माेदी 🙏


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Saturday, March 25, 2017

आखिर ये धर्म है क्या ?

अभी बेटे का एग्जाम ख़तम हुवा, परेशान हो गया था वो ,हफ्ता हो गया अब उने वापसी का टाइम तो तो कल पशुपति नाथ मंदिर मंदिर गया था दीवाल पर एक नया वाल तो माँ मने मेरी धर्म पत्नी के साथ आ गए काठमांडू. एक  पेंटिंग लगा था ।। धर्म के लिए जीना सीखिए ।।  चुकी हाथ में पूजा का सामान पकडे थे नहीं तो फोटो खीच लेता लेकिन ये बात पड़ के सर चकरा गया। अब चूकि धर्म पत्नी साथ में थी तो धर्म पे वार्तालाप हो नहीं सकता था । ये सोच के की जब धर्म साथ में ही है तो क्या सीखे , मन मसोस के रह गए तो चुपचाप रहना ही उचित समझा । खैर शांत मन से मंदिर के अन्दर घुसा, लाईन लम्बी थे तो लग गए सबसे आगे धर्म पत्नी जी बिच में सुपुत्र जी पीछे है सिर्फ "पति" जिसमे कोई धर्म का सरोकार नहीं , लगे शिव जाप करने
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Wednesday, March 15, 2017

सोशल मिडिया काग्रेसी योद्धा सम्मेलन

आज फेस बुकिया मित्र भाई Manoj Kumar Sharma जी के मुख पोथी पर देखा की २६ अप्रैल १७ को एक काग्रेस स्वयं सेवको का गेट to गेदर कर रहे है..



कल भाई कपिल गर्ग की वाल पर देखा .. आज २ तिन मित्रो के वाल पर देखा जो मेरे मित्र नहीं है.. लेकिन कितने काग्रेसी है...३ दिन पहले मैंने भाई ओमकार सिंह ढिल्लन से बात की थी..चुकी मेरी फेसबुक वाल पर सिर्फ मोदी जी के जुमले चलते रहते है बस उतना ही, लेकिन मुझे फायदा यह है की लोगो के विचार / सोस समझने के लिए मिल जाते है... कुछ सिखने को ही मिलता है..मेरी मित्र सूचि में लगभग १००० ऐसे
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Saturday, March 11, 2017

ट्रोल क्या है

जब से इन्टरनेट पर सामाजिक बहस छिड़ी है , लोग सोचने समझने लगे है बहस करते है, तर्क देते है, एक संवाद होता है , लेकिन अगर किसी की बात सुनना न चाहे तो फिर एक साधन है ट्रोल, ट्रोल का अर्थ होता है पीछा करना या किसी के पीछे पड़ जाना , ट्रोलिंग का अर्थ होता है कि किसी की बात पसंद न आये तो उसके आईडी के पीछे पड़ना और उसे लेकर गाली-गलौज करना , जिसके लिए वह ट्रोल कर रहा है उसकी आलोचना देखते ही "साँड" हो जाना और आलोचना या कोई सवाल कर रहे व्यक्ति की "माँ बहन" कर देना , मेन्शन कर के उस पोस्ट पर और ढेर सारे ट्रोल को बुला लेना और एक एक करके गाली-गलौज करना , फोटोशाप से कट पेस्ट करके किसी की अश्लील चित्र बनाना और उसे वायरल कराना।
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Wednesday, February 15, 2017

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