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राजीव शंकर मिश्रा , बनारस वाले
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9:11 PM
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अंड क बंड
चमकते चाँद को टुटा हुआ तारा बना डाला मेरी आवारगी ने मुझको आवारा बना डाला बडा दिलकश बडा रंगीन है ये शहर कहते है यहा पर है हजारो घर घरो मे लोग रहते है मुझे इस शहर ने गलियो का बंजारा बना डाला.....
हम इस ब्लॉग में तमाम साईट से सामाग्री लेते हैं, हमारा मानना है की ज्ञान समाज के विकास के लिए होता है और किसी का कुछ भी लिखा हुआ उसका अपना नहीं होता बल्कि उसके योगदान के साथ, समाज का समाज के लिए उत्पाद है. यदि कहीं से ली गयी किसी सामाग्री पर किसी कों आपत्ति है तो हमें सूचित करे हम उसे हटा देंगे.
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