हे आदरणीय सर्वश्रेष्ठ नर इंद्र..साष्टांग दंडवत प्रणाम ...
आप को जान कर ये अत्यधिक प्रस्सनता होगी के आप के हिन्दू रास्ट्र के मुद्दे पर आप की कार्यविधि के कारण #GoBackIndia और #BackoffIndia के साथ नेपाल में फेल हुआ भारत का एजेंडा, बहुत मेहनत की थी आप ने... सिर्फ १६ महीने में आप ने दो बार नेपाल का दौरा किया और १० हजार करोड़ रुपये और ना जाने कितने
रूपये के चंदन का दान कर चुके हैं बस इस लिए की नेपाल एक हिन्दू राष्ट्र बना रहे।
अरे साहेब ये नेपाल का सविधान है भारत का नहीं...१८ महिना हो गया पाकिस्तान चीन से तो आप की मित्रता हो नहीं पाई... अब आप भीड़ गए सीधे सादे देश नेपाल से... बढ़िया है... आप का ज्ञान तो चाय की दुकान से उपर तो उठ नहीं सकता न ..
आज तो नेपाल में हर तरफ यही हल्ला था हमने भूकंप का मुकाबला किया, हम जानते हैं कि अपना स्वाभिमान कैसे सुरक्षित रखा जाता है, इसलिए हमारे अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दो। जग जाहिर है, भूकंप के समय आप ने क्या किया.. वो पूजनीय है... लेकिन नेपाल के लोगो के मन में वोछवि क्यों नहीं बन पाई.. सोचना चाहिए आप को, सिर्फ आप के मार्केटिंग क्रिया कलाप के कारण, क्या जरुरी था आप को दुसरे के देश में अपना प्रचार करना... रातोरात आप का किया धिया पानी में चला गया, खैर पैसा तो जनता का था तो आप को क्या मतलब ..
अब नया तो ये है की नेपाल में आप के सरकार का ग्लोबल हिंदुत्व का एजेंडा बुरी तरह फेल हो गया है। आप के सरकार द्वारा नेपाल की आर्थिक नाकाबंदी की खबरें नेपाली मीडिया में आने के बाद नेपाल में भारत विरोधी भावनाएं प्रबल हो गई हैं, जिसकी अभिव्यक्ति सोशल मीडिया पर हो रही है।
आप के सरकार द्वारा नेपाल की नाकेबंदी के विरोध में वहां ट्विटर पर हैशटैग #BackoffIndia टॉप टेन (10) में ट्रेंड कर रहा है, तो #GoBackIndia भी तेजी से बढ़ रहा है।
सर्वाधिक चिंताजनक पहलू यह है कि #BackoffIndia को पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा है और वहां भी यह टॉप टेन में ट्रेंड कर रहा है। यहाँ के लोग तो ये ही कह रहे है की बिहार चुनाव और आरक्षण पर बहस की आड़ में भारत सरकार ने चुपके से नेपाल में आर्थिक नाकाबंदी लगा दी है। नेपाल के समाचार पोर्टल्स और चैनलों पर लगातार यह ख़बर चल रही है कि किस तरह भारत सरकार ने अपनी मर्जी का संविधान न बनने की खीझ में गाड़ियों को आज सुबह से ही सीमा पर रोकना शुरू कर दिया है और बिना किसी औपचारिक घोषणा के नेपाल में तेल की सप्लाई रोक दी है।
नेपाली समाचार पोर्टल खबरडबली ने भारत को नाकाबन्दी सूरु, सूरक्षा को कारण देखाउँदै तेल ल्याउन दिइएन शीर्षक से तथा रातोपाटी ने सीमामा रोक्यो भारतले तेल बोकेका ट्याङ्कर शीर्षक से खबर प्रकाशित की है।
नेपाल की संप्रभुता और संविधान को लेकर भारत की सरकार इतनी बेचैन क्यों है, इसे विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर २० सितंबर और २१ सितंबर यानी लगातार दो दिनों तक नेपाल की स्थिति पर जारी प्रेस विज्ञप्तियों की कठोर भाषा से समझा जा सकता है।
ज्यादा तो कुछ नहीं सर... काठमांडू के भारतीय दूतावास के इस पोस्ट को देख कर आप अपनी औकात समझ सकते है...
का होने वाला है आप के इस आर्थिक नाकाबंदी आप को याद तो होगा ही न कुछ साल पहले काग्रेस ने भी बस कुछ ऐसा ही किया था.. क्या हुवा उसका ये भी आप इस लिंक पर देख ले.भारत में पूजीवाद है... सिर्फ सबको अपना ही मुनाफा दीखता है.. देखे भारत के पूजीवाद के लाभांश में नेपाल का क्या योगदान है, आप तो गुजराती है है... एक पक्के बनिया, ब्यापार आप के खून में है.. एक बार सोचे, अगर आप ने नेपाल में आर्थिक नाका बंदी कर दी तो भारत के उत्पादक नेपाल के लिए बनाये माल को कहा बेचेगे... इस मंदी के युग में कहा का बाज़ार खुला है, अब चाय वाले से हट कर थोडा कॉफ़ी वाले बनिये महराज..
पिछले दिने नेपाल में आये भूकंप में आप का सहयोग तो सार्थक रहा... लेकिन गलती कहा हुई... ये नेपाल का मिडिया कहता है... देखे.. सोचे...
See more at: आफ्नो नागरिक लिएर कलंकीबाट फर्किदै गरेको भारतीय बस । बसमा अधिकांस सिटहरु खाली देखिन्थे तर, यात्रुुहरुले हारगुुहार गर्दा पनि नेपाली कसैलाई चढाएनन् – See more at: |
आज नेपाल में आप के सरकार का दखल काफी तेजी से बढ़ रहा है। नाकेबंदी की इस खबर को अगर भारतीय मीडिया नहीं उठाता है, तब भी नेपाल की संप्रभुता से सरोकार रखने वाले तमाम पत्रकारों चाहे वो किसी भी देश के ही वो प्रसारित कर रहे है ।
नेपाल से वरिष्ठ पत्रकार नरेश ज्ञवाली जी कहते है की – “भारतीय प्रधानमन्त्री मोदी के विशेष बुलावे पर भारत गए नेपाल स्थित भारतीय राजदूत रणजीत राय के मोदी को रिपोर्ट करने के बाद भारतीय विदेश मन्त्रालय से कड़ा प्रेस विज्ञप्ति सार्वजनिक हुआ है, जिसको नेपाल में भारत के हस्तक्षेप के नजर से देखा जा रहा है।”
अपनी भी तो नेपाल में आधिकारिक आफिस है न ..सुविधा के लिए नेपाली वेबसाइट का लिंक। इस वेबसाइट पर लगातार निगाह बनाए रखें।
पिछले दिनों नेपाल में भूकंप का कहर.. उसको भी आप ने भुनाने की कोशिश की... सब कुछ तो किया आप ने... पर यश कौन ले गया महराज.. बस आप ने भक्तो को सेल्फी लेने की आदत जो डाल दी यहाँ नेपाल की ही बात की जा रही है। और प्रसंग है, भूकंप के लिए ऑपरेशन मैत्री के तहत नेपाल गयी मेरी ‘महान’ मात्रभूमि धोती (नेपाली जनमानस में भारतीय सत्ता के वर्चस्व को राष्ट्रवादी अभिव्यक्ति में धोती की संज्ञा दी जाती है) की कारगुजारियां। नेपाल से जो खबरें आ रही हैं, उसको सुनते और समझते समय एक भारतीय के रूप में मेरी आत्मा कांप उठती है; ह्रदय दुख से फटने को होता है कि शर्म आती है अपने पर, भारतीय नागरिक का ठप्पा लगाते हुए। मैं यह भी कह सकता हूँ कि नेपाल में इन कारगुजारियों के जिम्मेवार यहाँ का सत्ता प्रतिष्ठान (नेहरूवादी ‘समाजवादी’ से लेकर अभी के प्रचारवादी हिन्दुत्ववादी तक) हैं। तब क्यूँ मैं अपने को दोष दूँ। लेकिन तब मैं अपने से पूछता हूँ कि एक देश के ऊपर लगने वाले दाग से क्या मैं ‘उसका एक नागरिक मुक्त’ हो सकूँगा
भूकंप के तबाह हुए देश नेपाल को राहत सामग्री पहुँचाने और बचाव कार्य में सहयोग करने वाले प्रत्येक देश की जरूरत थी लेकिन आरोप ये लग गया की नेपाल का यह दक्षिणी पड़ोसी राहत व बचाव कार्य के अलावा नेपाल की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही साथ दूसरे पड़ोसी चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा पर सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है। जिस प्रकार से भारतीय वायु सेना के सैन्य हेलीकाप्टर एम् आई-१७, चीन की सीमा से लगे हुए नेपाल के सुदूर-दुर्गम जिलों यथा सोलुखुम्बू, व रसुवा में उद्धार कार्य के बहाने चीन की हवाई सीमा में प्रवेश कर उसके उल्लंघन में पहले दिन से ही लगे हुए हैं। जिस तरह घायलों को बचाने और सुरक्षित निकालने के नाम पर सैन्य हेलीकाप्टर एम् आई-१७ नेपाली इलाके से सटे हुए चीनी हवाई क्षेत्र में उड़ान पर उड़ान भर रहे हैं, उससे ऐसा प्रतीत हुवा कि जैसे नेपाल इस पड़ोसी देश का एक अभिन्न राज्य हो। अन्यथा चीन सरकार ने शुरू में ही नेपाल सरकार को भारत के इस जासूसी कदम पर चेतावनी न दी होती।
हो सकता है भगवन... चाय वाले की कूटनीति इतनी चलती हो लेकिन बस एक अंतिम आग्रह... पहले भारत की जनता को पूर्ण विश्वास में ले ले .. फिर दुनिया आप के साथ में ही है... बस एक अंतिम शब्द : नेपाल ने अगर भारत की ही तरह धर्मनिरपेक्ष संविधान अपना लिया है तो इसमें हल्ला किस बात का है. इतने
साल से नेपाल एक हिन्दु राष्ट था ।अब सैकुलर हो गया । इन्हें मालूम हो गया
कि दुसरे देशो से कंधा से कंधा मिला के चलना और देश को प्रगतिशील बनाने के
लिए सैकुलर होना ही विवेक प्रमाण है । भारत
को नेपाल के अंदरुनी मामलो में दखल देने का क्या अधिकार है नेपाल ने अपना
संविधान बदला भारत में आप के बिग ब्रदर माने खाखी चड्डी धरियो को तकलीफ हो गई आप की विदेश निति पूरी
तरह पिट गई आज नेपाली सोशल मीडिया में भारत के बारे में गली गलोच कर रहे है
वो पाक का समर्थन और भारत का विरोध कर रहे है ये तो वही बात ही गई की चौबे
जी चले थे छब्बे जी बन्ने दुबे जी बन कर रह गए आप के अपने सपने होगे... अब तो आप पहुच चुके है अपने मंजिल पर अपना विवेक प्रयोग करे धर्मराज...सोचे जरा की हाफ पेंट वाले आप को चार्ली चैपलिन का फोटो कापी न बना दे...
साहेब अब पाकिस्तानी और तालिबानी भी मिल चुके है... देखे ये नेपाली खबर काठमांडू के एक समाचार पत्र के माध्यम से प्रचंड जी ने तो यहाँ तक कह दिया ;लिंक
वैसे तो अब तक आप के लिए सभी खबरे गायब थी लेकिन जैसे ही नेपाल का सविधान क्रियान्वयन के लिए तैयार हुवा तो आप के समाचार ने इसकी ख़ुशी नहीं इसका दूसरा ही तस्वीर दिखाया ..
आप अपने आदत अनुसार ट्विट कर नेपाल को सुभकामनाये दे... आशीर्वाद दे... ताकि ये दोस्तों आजीवन चलती रहे...
अगर आप बीबीसी की भी राय सुने तो देखिये की वो क्या कहता है, जरुरत है एक चिंतन की BBC
आप खुद ही देख ले की नेपाल के सविधान पर दुनिया की क्या प्रतिक्रिया है.. शायद आप का भी नाम होता तो कितना अच्छा लगता :लिंक
जयशंकर प्रसाद जी का क्या वो भी तो एक नौकरी सुदा इन्सान है... भूल जायेगे....प्रचंड जी ने जो कहा है उसे देखे... लिंक :
कल दिन भर नेपाल के सोसल मिडिया में कुछ आप के बारे में ये थे विचार:
सादर.....
आप का
राजीवशंकर मिश्रा बनारस वाले
//सादर//
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